RBI New Banking Rules: [बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) से जुड़ी एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है।] भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) के वित्तीय सेवा कारोबार पर अपने अंतिम दिशा-निर्देश (Final Guidelines) जारी कर दिए हैं। इन नए नियमों के आने से देश के 12 बड़े बैंक समूहों को एक बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब उन्हें अपने कारोबार का बड़ा पुनर्गठन (Restructuring) नहीं करना पड़ेगा।
आरबीआई (RBI) के इस फैसले से न सिर्फ बैंकों को परिचालन में आसानी होगी, बल्कि इसका सीधा फायदा आम ग्राहकों को भी मिलेगा क्योंकि बैंक अब ज्यादा प्रभावी तरीके से अलग-अलग ग्राहक वर्गों को सेवाएं दे पाएंगे।
12 बैंकों पर टला बड़ा संकट
क्रिसिल रेटिंग्स (CRISIL Ratings) की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर रिजर्व बैंक अपने अक्टूबर 2024 के मसौदा निर्देशों (Draft Guidelines) को सख्ती से लागू करता, तो 12 बड़े बैंक समूहों को अपने लोन बिजनेस का पूरा स्ट्रक्चर बदलना पड़ता। इन बैंकों की क्षेत्रीय अग्रिमों (Regional Advances) में 55% की हिस्सेदारी है। मसौदा नियमों में प्रस्ताव था कि एक बैंकिंग समूह की केवल एक ही इकाई एक विशेष प्रकार का व्यवसाय कर सकती है, यानी बैंक और उसकी अन्य संस्थाओं के बीच काम का कोई दोहराव नहीं होना चाहिए था।
ओवरलैपिंग की मिली छूट
लेकिन अब राहत की बात यह है कि अंतिम दिशा-निर्देशों में आरबीआई ने थोड़ी ढील दी है। अब बैंक समूह की संस्थाओं को बोर्ड (Board of Directors) की मंजूरी के साथ ‘ओवरलैपिंग’ (Overlapping) ऋण व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दे दी गई है। इसका मतलब है कि अगर बैंक और उसकी कोई सब्सिडियरी कंपनी एक जैसा लोन दे रही हैं, तो उन्हें अपना काम बंद नहीं करना पड़ेगा, बशर्ते उन्हें बोर्ड से अप्रूवल मिला हो।
ग्राहकों को मिलेंगी बेहतर सेवाएं
क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक शोभा श्री नारायणन ने बताया कि यह कदम बैंकों के लिए काफी सकारात्मक है। इससे उनके कामकाज में कोई रुकावट (Disruption) नहीं आएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब बैंक और उनकी समूह संस्थाएं अपनी-अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए कम लागत में ग्राहकों को बेहतर और अलग-अलग तरह की सेवाएं प्रदान कर सकेंगी।
जानें पूरा मामला
दरअसल, रिजर्व बैंक का मकसद बैंकों और उनकी समूह कंपनियों के बीच नियमों को साफ करना और किसी भी तरह की ‘नियामक मध्यस्थता’ (Regulatory Arbitrage) को खत्म करना था। पहले डर था कि नए नियम बैंकों के काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल देंगे और उन्हें अपने कई बिजनेस बंद या मर्ज करने पड़ेंगे, जिससे करीब 2 से 6% तक का लोन बिजनेस प्रभावित हो सकता था। लेकिन अब नई गाइडलाइंस ने स्थिति को साफ और सुगम बना दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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RBI के अंतिम निर्देशों से 12 बैंक समूहों को बड़े पुनर्गठन (Restructuring) से राहत मिली है।
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अक्टूबर 2024 के ड्राफ्ट में ‘एक बिजनेस-एक इकाई’ का प्रस्ताव था, जिसे अब बदल दिया गया है।
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अब बोर्ड की मंजूरी से बैंक और उसकी संस्थाएं एक जैसा लोन बिजनेस (Overlapping Business) कर सकती हैं।
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इस फैसले से बैंकों की लागत कम होगी और ग्राहकों को बिना किसी रुकावट के सेवाएं मिलती रहेंगी।






