The News Air-रिजर्व बैंक ने एकबार फिर पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ऐलान किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। रेपो रेट पहले की तरह 4% पर बरकरार रहेगा। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बना हुआ है। यह लगातार 11वीं बैठक है जिसमें RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके साथ ही इकोनॉमी के लिए अकोमडेटिव रुख बनाए रखा है।
RBI गवर्नर ने कहा कि सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रिवर्स रेपो रेट ना बढ़ाने का फैसला किया गया है। रेपो रेट वो दर है जिस पर बैंक RBI से कामकाज के लिए शॉर्ट टर्म फंड उधार लेते हैं। जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंक अपने कामकाज के बाद बचा हुआ फंड रिजर्व बैंक में जमा करते हैं।
इसके साथ ही RBI ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) कॉरिडोर को बढ़ाकर 50 bps यानी 0.50% कर दिया है। अब यह कोरोनावायरस संक्रमण के पहले के लेवल पर पहुंच गया है। वहीं MSF रेट (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटीज) पहले की तरह 4.25% पर बरकरार है।
पॉलिसी रेट में बदलाव ना करने का फैसला एकमत से
मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने एकमत से ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है। कमिटी ने आखिरी बार रेट कट मई 2020 में किया गया था। कोरोनावायर संक्रमण के कारण फरवरी 2019 से लेकर मई 2020 तक RBI ने रेपो रेट में 2.50% की कटौती की थी। रेट घटाने से ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। जबकि रेट बढ़ाने से रिजर्व बैंक को महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलती है। पिछले कुछ महीनों से महंगाई दर RBI के दायरे से बाहर है। ऐसे में इस बार एनालिस्ट्स को अनुमान था कि रिजर्व बैंक रेट बढ़ा सकता है।
इसके साथ ही मॉनेटरी पॉलिसी पर अपना रूख अकोमडेटिव बना रखा है। पिछली बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव हुआ है। तब से रेपो रेट 4% के ऐतिहासिक लो लेवल पर बना हुआ है।
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी हर दो महीने पर पॉलिसी रिव्यू मीटिंग करती है। फिस्कल ईयर 2023 की यह पहली रिव्यू मीटिंग है जो 6 अप्रैल को शुरू हुई थी। तीन दिन की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है।
GDP का अनुमान घटाया
रिजर्व बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.2% रहने का अनुमान जताया है। RBI के गवर्नर पहले RBI ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। इंडियन की ग्रोथ पर कोरोना की महामारी का असर पड़ा है। हालांकि, अब इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। वित्त वर्ष 2021-22 की दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.4 फीसदी रही। सितंबर तिमाही में ग्रोथ रेट 8.5 फीसदी थी।
महंगाई RBI के कंट्रोल से बाहर
फरवरी में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.07% पहुंच गई थी जो एक महीना पहले जनवरी में 6.01% थी। RBI का टारगेट महंगाई दर को 4% से 6% के बीच में बनाकर रखने की है। फिस्कल ईयर 2023 में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 6 बार होगी। अगली बैठक 6 जून से 8 जून को होने वाली है।