मुंबई, 4 जून
Reserve Bank of India: कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने हेतु नरम मौद्रिक नीति बनाए रखने का भरोसा देते हुए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपनी नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बनाए रखा हुआ है। आरबीआई ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर और उससे निपटने के लिए राज्यों में लगाए गए लाकडाउन और कर्फ्यू के बीच चालू वित्त वर्ष 2021-22 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 10.5 प्रतिशत से कम कर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। यह लगातार छठी बार की समीक्षा है, जिसमें केंद्रीय बैंक ने अपने एक दिन के उधार की ब्याज दर रेपो में कोई भी फेरबदल नहीं किया।
आर.बी.आई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया है और आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने में मदद के लिए मौद्रिक नीति में नरम रुख जारी रहेगा। वहीं दास ने कहा कि मानसून सामान्य रहने से आर्थिक वृद्धि में भी मदद मिलेगी।
रिजर्व बैंक का अनुमान है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.1 प्रतिशत ही रहेगी और समिति का अनुमान है कि मुद्रास्फीति में हाल में आई गिरावट से कुछ गुंजाइश बनी हुई है, आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए सभी ओर से नीतिगत समर्थन की बेहद आवश्यकता है।
600 अरब डालर के पार विदेशी मुद्रा भंडार- रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार संभवत: 600 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है। हाल ही में विदेशी पूंजी प्रवाह काफी तेजी से बढ़ी है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा ऊपर ही जा रहा है।
रिजर्व बैंक की ओर से 28 मई को जारी किए आंकड़ों के अनुसार, 21 मई को समाप्त में विदेशी मुद्रा भंडार 2.865 अरब डॉलर बढ़कर 592.894 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। स्वर्ण भंडार और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से मुद्रा भंडार बढ़ा है। आरबीआई 17 जून को 40 हजार करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा साथ ही दूसरी तिमाही में 1.20 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूति भी खरीदी जाएंगी।