Ramchet Mochi : सुल्तानपुर के रामचेत मोची का कैंसर और टीबी की गंभीर बीमारी के चलते निधन हो गया है। रामचेत वही मोची हैं, जिनकी चर्चा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई मंचों से की थी। 2024 में राहुल गांधी ने सुल्तानपुर में उनकी दुकान पर जाकर उनसे मुलाकात भी की थी।
राहुल गांधी ने परिवार को किया फोन
रामचेत मोची के निधन की जानकारी मिलते ही राहुल गांधी ने आज सुबह-सुबह उनके बेटे राघवराम से मोबाइल पर बात की और शोक संवेदना व्यक्त की। राहुल ने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है। राहुल के निर्देश पर अमेठी और सुल्तानपुर से कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल रामचेत के घर पहुंचा और परिवार को आर्थिक मदद भी सौंपी।
कैसे सुर्खियों में आए थे रामचेत मोची?
सुल्तानपुर के कूरेभार थानाक्षेत्र के ढेसरुआ गांव के रहने वाले रामचेत मोची पिछले साल 2024 में तब देश भर में सुर्खियों में आए थे, जब राहुल गांधी का काफिला अचानक उनकी गुमटी (दुकान) पर रुक गया था। राहुल ने रामचेत से उनके व्यवसाय के बारे में काफी देर तक बातचीत की थी और उनसे जूता-चप्पल सिलने का हुनर भी सीखा था।
दिल्ली बुलाकर सोनिया-प्रियंका से मिलवाया
इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने रामचेत को दिल्ली अपने आवास पर भी बुलाया था और उन्हें अपनी मां सोनिया गांधी व बहन प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलवाया था। इतना ही नहीं, राहुल ने रामचेत को एक अत्याधुनिक सिलाई मशीन और रॉ-मटेरियल भी भिजवाया था, ताकि उनका काम बढ़ सके।
इलाज में भी की थी मदद
जब राहुल गांधी को रामचेत की बीमारी (कैंसर और टीबी) के बारे में पता चला, तो उन्होंने प्रयागराज के एक कैंसर अस्पताल में उनके इलाज का इंतजाम भी करवाया था।
मुख्य बातें (Key Points):
- सुल्तानपुर के रामचेत मोची का कैंसर और टीबी से निधन हो गया।
- राहुल गांधी ने 2024 में रामचेत से उनकी दुकान पर मुलाकात की थी और बिहार चुनाव में उनका जिक्र किया था।
- राहुल ने रामचेत के बेटे राघवराम को फोन कर शोक जताया और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
- राहुल ने रामचेत को दिल्ली बुलाकर सोनिया-प्रियंका से मिलवाया था और उनके इलाज का खर्च भी उठाया था।






