सामाजिक भेदभाव और समाज में नफरत को बढ़ावा: चंद्रशेखर
ज्ञात हो कि, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में रामचरितमानस को लेकर एक बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि, “तुलसीदास की रामचरितमानस ने “सामाजिक भेदभाव और समाज में नफरत फैलाने” को बढ़ावा दिया है।” उन्होंने यह भी कहा था कि, “रामचरितमानस का विरोध इसलिए किया गया क्योंकि इसमें कहा गया था कि शिक्षित होने पर समाज का निचला वर्ग जहरीला हो जाता है। रामचरितमानस, मनुस्मृति और एमएस गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने सामाजिक विभाजन पैदा किया।”
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गिरिराज सिंह ने गुलाम रसूल पर भी बोला था हमला
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले भी गिरिराज सिंह ने जदयू एमएलसी गुलाम रसूल बलयावी के बयान को लेकर निशाना साधा था। गुलाम रसूल ने कहा था कि, अगर पैगंबर मुहम्मद की ओर कोई उंगली उठाई गई तो मुसलमान हर शहर को कर्बला बना देंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमान संकोच नहीं करेंगे क्योंकि उनकी जिंदगी और सांसें उनकी नहीं बल्कि पैगंबर के लिए हैं। वहीं, गिरिराज सिंह ने जेडीयू नेता पर इस तरह के बयान देकर देश के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का आरोप लगाया था।
धृतराष्ट्र बने है नीतीश कुमार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि, “टुकड़े टुकड़े गैंग के नेता रामायण को गाली देकर हिंदुओं का अपमान करते हैं, लेकिन कुरान पर कोई टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं है। नीतीश कुमार एक असहाय मुख्यमंत्री हैं, जो धृतराष्ट्र की तरह यह सब देख रहे हैं और स्थिति को बिगड़ने दे रहे हैं।”