मुंबई (Mumbai), 23 जनवरी (The News Air): ‘सत्या’ (Satya) और ‘रंगीला’ (Rangeela) जैसी आइकॉनिक फिल्मों के निर्देशक राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनकी खबर फिल्मों की वजह से नहीं बल्कि कानूनी कार्रवाई के कारण है। अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट (Andheri Magistrate Court) ने राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंस (Cheque Bounce) मामले में दोषी पाते हुए 3 महीने की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (Non-Bailable Warrant) भी जारी किया है।
It is not about settling the rupees 2.38 lakh. The contention was about refusing to be exploited in the attempts to fabricate ..Anyway that’s all I can say for now https://t.co/m4kAMHqlna
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) January 23, 2025
इतना ही नहीं, वर्मा को आदेश दिया गया है कि वह 3.75 लाख रुपये शिकायतकर्ता को तीन महीने के भीतर मुआवजे के तौर पर चुकाएं। अगर ऐसा करने में वह असफल रहते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 3 महीने की जेल की सजा भुगतनी होगी।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला Shree कंपनी द्वारा 2018 में दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा है। शिकायत में कहा गया था कि राम गोपाल वर्मा द्वारा जारी किया गया एक चेक अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया। शिकायतकर्ता महेशचंद्र मिश्रा ने इस मुद्दे को कोर्ट में उठाया, और लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने वर्मा को दोषी पाया।
राम गोपाल वर्मा पर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (Negotiable Instruments Act) की धारा 138 के तहत कार्रवाई की गई है। यह धारा चेक बाउंस के मामलों में लागू होती है, जहां अपर्याप्त बैलेंस या अन्य कारणों से चेक का भुगतान नहीं हो पाता।
कई सालों से चल रही कानूनी लड़ाई
यह मामला पिछले 7 साल से कोर्ट में लंबित था। जून 2022 में वर्मा को निजी मुचलके और 5,000 रुपये की सिक्योरिटी राशि के साथ जमानत दी गई थी। हालांकि, वर्मा ने कई बार सुनवाई को मिस किया। इस वजह से अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया।
कोर्ट का सख्त आदेश: कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस सजा के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) की धारा 428 के तहत कोई ‘सेट-ऑफ’ नहीं होगा। इसका मतलब है कि सजा के दौरान कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
राम गोपाल वर्मा की प्रतिक्रिया
राम गोपाल वर्मा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) पर लिखा, “मेरे और अंधेरी कोर्ट के बारे में आई खबरों के संबंध में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह मेरे पूर्व कर्मचारी से संबंधित 2 लाख 38 हजार रुपये की राशि के 7 साल पुराने मामले से जुड़ा है। मेरे वकील इस पर काम कर रहे हैं। चूंकि मामला कोर्ट में है, इसलिए मैं इस पर और कुछ नहीं कह सकता।”
वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे वर्मा
पिछले कुछ सालों में राम गोपाल वर्मा ने कई वित्तीय परेशानियों का सामना किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें अपना ऑफिस तक बेचना पड़ा। इन वित्तीय समस्याओं के कारण यह मामला और जटिल हो गया।