Rakhi Sawant marriage row: पुलिस ने किया सेशन कोर्ट का रुख, 7 फरवरी को आदिल खान को किया गया था गिरफ्तार

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Rakhi Sawant marriage row
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मुंबई पुलिस ने घरेलू हिंसा के एक कथित मामले में अभिनेत्री राखी सावंत के पति आदिल दुर्रानी को उनकी (पुलिस की) हिरासत में सौंपने से एक मजिस्ट्रेट के इनकार के बाद यहां एक सत्र अदालत का रुख किया है. डिंडोशी अदालत में दायर एक पुनर्विचार याचिका में पुलिस ने कहा कि आरोपी की मेडिकल जांच कराने की जरूरत है क्योंकि वह भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) का आरोपी है.

7 फरवरी को को गिरफ्तार किये गये थे आदिल दुर्रानी

राखी सावंत ने पुलिस में एक शिकायत दायर कर दुर्रानी पर आरोप लगाया था कि उसने उस पर हमला किया, उसकी जानकारी के बगैर उसके फ्लैट से गहने लेकर भाग गया और उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाया था. इसके बाद, 7 फरवरी को आदिल दुर्रानी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

राखी सावंत ने पति पर लगाये ये आरोप

अभिनेत्री ने हमला किये जाने और पैसे एवं गहने लेकर भागने के आरोपों के साथ शुरूआत में एक प्राथमिकी दर्ज कराई. बाद में, अपने बयान में सावंत ने दुर्रानी पर धारा 377 के तहत भी आरोप लगाये. दुर्रानी को सात फरवरी को एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जिसने रिमांड में दिये जाने के पुलिस के अनुरोध को खारिज करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, इससे संबद्ध एक अन्य घटनाक्रम में, मंगलवार को सावंत का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता अशोक सरोगी और जय यादव ने दुर्रानी की जमानत अर्जी का मजिस्ट्रेट अदालत में विरोध किया.

ईरान की छात्रा ने लगाये आदिल पर गंभीर आरोप

बता दें कि, हाल ही में मैसूर में राखी सावंत के पति आदिल खान के खिलाफ एक नई प्राथमिकी दर्ज की गई थी. ईरान की एक छात्रा ने आईपीसी की धारा 376 के तहत मैसूर के वीवी पुरम पुलिस स्टेशन में आदिल के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. प्राथमिकी में ईरानी महिला ने आदिल पर आरोप लगाया था कि जब वे मैसूर में एक साथ रहते थे तो उन्होंने शादी के बहाने उसके साथ बलात्कार किया. जब उसने पांच महीने पहले उससे शादी करने की मांग की, तो उसने मना कर दिया. उसने कहा कि वह कई लड़कियों के साथ इसी तरह के रिश्ते में है. फिर उसने धमकी दी और फिर उसकी प्राइवेट तस्वीरें तस्वीरें दिखाकर उसके ब्लैकमेल किया कि उसके खिलाफ वो कोई शिकायत दर्ज न करे. अब आईपीसी की धारा 376, 417,420, 504 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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