कोलकाता, 9 जून
केंद्रीय किसान बिलों को वापिस करवाने की मांग को लेकर पिछले कई माह से दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत बुधवार को पश्चिम बंगाल में ममता बेनर्जी से मिलने के लिए पहुंचे। इस दौरान राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन की मांग की। वहीं लोकल किसानों की समस्याओं के बारे में भी ममता के अवगत करवाया। इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने किसान नेताओं को कृषि बिल पर अपनी चिंताओं को तर्क के साथ पेश करने के लिए कहा।
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने जानकारी देते बताया कि , ‘हम चुनावी जीत के लिए ममता बनर्जी को धन्यवाद देने के साथ किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित एमएसपी दिलवाने के कदम के लिए उनका समर्थन चाहते हैं।’ युद्धवीर सिंह ने कहा कि वह बनर्जी से पश्चिम बंगाल में फलों, सब्जियों और दुग्ध उत्पादों के लिए एमएसपी तय करने की मांग करना चाहते है क्योंकि यह बाकी जगहों पर ‘एक मॉडल की तरह काम करेगा।’
उधर राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों से बात करना चाहती है तो भी उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगामी यूपी चुनावों के संबंध में कहा कि हम यूपी चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले हैं, क्योंकि किसानों के लिए नए कृषि कानून काले कानून हैं। इसे खत्म करने के लिए हम केंद्र सरकार पर दबाव बनाएंगे।
ममता बनर्जी के राष्ट्रीय राजनीति के संबंध में सवाल पूछे जाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम केवल किसान समस्या के मामलों में समर्थन कर सकते हैं, राजनीति में हम नहीं है। राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता पिछले एक वर्ष से संसद से पारित तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका यह मानना है कि इन कानूनों से खेतीबाड़ी का बाजारीकरण हो जाएगा और छोटे किसानों को बड़ी खुदरा कंपनियों के शोषण से पर्याप्त सुरक्षा भी नहीं मिल पाएगी।