Rajasthan Ethanol Plant Protest: हनुमानगढ़ का राठी खेड़ा गांव बुधवार को सुलग उठा। यहां Ethanol Plant के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे। इस हिंसक झड़प में कांग्रेस विधायक समेत कई किसान घायल हो गए हैं, जबकि गुस्से में भीड़ ने कई गाड़ियां फूंक दीं।
जली हुई गाड़ियां और सड़कों पर बिखरा कांच इस बात की गवाही दे रहा है कि यहां मंजर कितना खौफनाक रहा होगा। Wednesday की दोपहर शुरू हुआ यह बवाल देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि पूरा इलाका छावनी बन गया। किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने माहौल को पूरी तरह गरमा दिया। महिलाएं, बुजुर्ग और युवा—हर कोई इस प्रदर्शन में शामिल था, जिनके हाथों में बैनर और पोस्टर थे।
किसानों और पुलिस में सीधी भिड़ंत
मामला तब बिगड़ा जब किसान टब्बी SDM Office पर एक बड़ी सभा करने के बाद अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ सीधे फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए। यहां किसानों ने निर्माणाधीन दीवार को तोड़ने की कोशिश की। देखते ही देखते फैक्ट्री के लोग और पुलिस बल भी वहां आ गया। पुलिस ने समझाने की कोशिश की, लेकिन हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस संघर्ष में कई किसानों के घायल होने की खबर है।
इंटरनेट बंद, स्कूल-कॉलेज पर ताला
हिंसा के बाद पूरे इलाके में तनाव को देखते हुए Internet सेवाएं बंद कर दी गई हैं। प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है। हनुमानगढ़ के इस इलाके में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है और बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर तरफ दुकानों के शटर डाउन हैं और चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात है। अभी तक फैक्ट्री खोलने की अनुमति नहीं दी गई है।
लाठीचार्ज में कांग्रेस विधायक भी घायल
इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी मौके पर पहुंचे थे। खबर है कि पुलिस और किसानों के बीच हुई इस झड़प और लाठीचार्ज में वे भी घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें Hospital में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद सियासी पारा भी चढ़ गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और हनुमान बेनीवाल जैसे नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और BJP सरकार पर किसानों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।
कंपनी के दावे और किसानों का डर
विवाद की मुख्य वजह यहां लगाया जा रहा 40 मेगावाट का अनाज आधारित Ethanol Plant है। कंपनी का दावा है कि यह केंद्र सरकार के Ethanol Blended Petrol Program को सपोर्ट करेगा। वहीं, किसानों का डर है कि इससे पर्यावरण, हवा और पानी दूषित होगा। किसानों का साफ कहना है कि जब तक मंजूरी नहीं मिलेगी, फैक्ट्री का निर्माण नहीं होने देंगे।
क्या है पृष्ठभूमि
हैरान करने वाली बात यह है कि जिस फैक्ट्री को लेकर यह पूरा बवाल मचा है, उसका Environmental Clearance आवेदन साल 2022 से पेंडिंग है। यानी करीब 3 साल बीत जाने के बाद भी इसे सरकार से NOC (मंजूरी) नहीं मिली है। इसके बावजूद कंपनी काम आगे बढ़ा रही थी, जिसका किसान विरोध कर रहे थे। कंपनी के डायरेक्टर जितेंद्र अरोड़ा और रॉबिन जिंदल की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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हनुमानगढ़ में Ethanol Plant के विरोध में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प।
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पुलिस लाठीचार्ज में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया समेत कई लोग घायल।
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इलाके में Internet सेवा बंद, स्कूल-कॉलेज बंद और धारा 144 लागू।
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साल 2022 से पेंडिंग है फैक्ट्री का Environmental Clearance, फिर भी चल रहा था विवाद।






