Rajasthan Tonk Explosives Seized: नए साल के जश्न से ठीक पहले राजस्थान पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। टोंक जिले में जिला विशेष टीम (DST) ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एक कार से 150 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो बूंदी से यह खेप लेकर आ रहे थे। इस बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं, क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किसी बड़े धमाके के लिए किया जा सकता था।
यूरिया के नीचे छिपा था ‘मौत का सामान’
घटना टोंक जिले के बरौनी थाना क्षेत्र की है। डीएसटी प्रभारी ओमप्रकाश को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बूंदी की तरफ से एक मारुति सियाज कार में भारी मात्रा में विस्फोटक लाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने नाकाबंदी कर दी। जब कार को रोका गया और तलाशी ली गई, तो पुलिसकर्मी भी दंग रह गए। कार के अंदर यूरिया खाद के कट्टों के नीचे छिपाकर रखा गया 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ।
कार से मिला विस्फोटकों का जखीरा
केवल अमोनियम नाइट्रेट ही नहीं, पुलिस को कार की तलाशी में और भी खतरनाक सामान मिला है:
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200 एक्सप्लोसिव कार्ट्रिज (Explosive Cartridges)
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6 बंडल सेफ्टी फ्यूज वायर (हर बंडल में करीब 183 मीटर तार, कुल 1100 मीटर से ज्यादा)
पुलिस का कहना है कि यह वही अमोनियम नाइट्रेट है जिसका इस्तेमाल अक्सर बड़े बम धमाकों (जैसे दिल्ली ब्लास्ट) में आईईडी (IED) बनाने के लिए किया जाता रहा है। नए साल के मौके पर इतनी बड़ी खेप का पकड़ा जाना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।
बूंदी से जुड़े हैं तार, दो गिरफ्तार
पुलिस ने कार सवार दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान सुरेंद्र (48 वर्ष) पुत्र भंवर लाल और सुरेंद्र मोदी (33 वर्ष) पुत्र धूलि लाल के रूप में हुई है। ये दोनों बूंदी जिले के करवर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि वे यह विस्फोटक सामग्री बूंदी से टोंक सप्लाई करने जा रहे थे। अब पुलिस और खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस विस्फोटक का असली खरीदार कौन था और इसका इस्तेमाल कहां किया जाना था।
विश्लेषण: ‘फर्टिलाइजर बम’ का खतरा
एक वरिष्ठ संपादक के नजरिए से देखें तो यह बरामदगी बेहद संवेदनशील है। अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसा रसायन है जिसका इस्तेमाल खेती में खाद के रूप में होता है, लेकिन आतंकी इसे ‘फर्टिलाइजर बम’ बनाने में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है। 150 किलो की मात्रा किसी छोटी-मोटी घटना के लिए नहीं, बल्कि भारी तबाही के लिए पर्याप्त है। पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक खुलेआम एक जिले से दूसरे जिले में कैसे लाया जा रहा था? यह इंटर-डिस्ट्रिक्ट तस्करी के नेटवर्क का पर्दाफाश करता है।
आम आदमी पर असर
यह खबर राहत और चिंता दोनों लेकर आई है। राहत इस बात की कि पुलिस की सतर्कता से एक बड़ा खतरा टल गया, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता था। वहीं, चिंता का विषय यह है कि हमारे आसपास ऐसे तत्व मौजूद हैं जो त्योहारों और जश्न के मौकों को मातम में बदलने की फिराक में रहते हैं। नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
जानें पूरा मामला
क्या है पृष्ठभूमि: राजस्थान में नए साल के जश्न को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। इसी बीच, टोंक पुलिस की डीएसटी टीम को इनपुट मिला था। पुलिस ने बरौनी थाना इलाके में नाकाबंदी कर मारुति सियाज को पकड़ा और यह जखीरा बरामद किया। पुलिस अब आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ कर रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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Tonk Police ने कार से 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया।
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साथ में 200 विस्फोटक कार्ट्रिज और 1100 मीटर फ्यूज वायर भी मिले।
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दो आरोपी Surendra और Surendra Modi (निवासी बूंदी) गिरफ्तार।
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विस्फोटक सामग्री यूरिया खाद के कट्टों में छिपाकर ले जाई जा रही थी।
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पुलिस जांच कर रही है कि यह विस्फोटक कहां और क्यों सप्लाई किया जा रहा था।








