Rahul Gandhi on MGNREGA Name Change – देश की सियासत में ‘मनरेगा’ (MGNREGA) एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बिना कैबिनेट की मंजूरी के मनरेगा का नाम बदलकर ‘जी-राम-जी’ (G-Ram-G) कर दिया है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक ढांचे और गरीबों के अधिकारों पर सीधा प्रहार बताया है। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के बाद राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि पूरी विपक्षी पार्टियां इस फैसले के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगी।
‘लोकतंत्र के ढांचे पर हमला’
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे, सरकार के तीसरे स्तर (पंचायती राज) और हमारे देश के बुनियादी आर्किटेक्चर पर हमला है।” उनका कहना है कि सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर न केवल एक योजना के साथ खिलवाड़ किया है, बल्कि गरीबों का हक भी छीना है। उन्होंने कहा कि पीएमओ द्वारा मनमाने ढंग से फैसले लेना संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।
राज्यों पर बढ़ा आर्थिक बोझ: 60:40 का नया नियम
राहुल गांधी ने नए प्रावधानों पर चिंता जताते हुए कहा कि अब केंद्र सरकार राज्यों से पैसा ले रही है। खबरों के मुताबिक, नए नियमों के तहत फंडिंग का रेश्यो 60:40 कर दिया गया है। यानी अब राज्य सरकारों को इस योजना में पहले से ज्यादा हिस्सा देना होगा, जिससे राज्यों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा। राहुल ने कहा कि इससे राज्यों को भारी नुकसान होगा और यह संघीय ढांचे को कमजोर करने की कोशिश है।
विश्लेषण: नाम बदलने की सियासत या आर्थिक सुधार? (Expert Analysis)
मनरेगा का नाम बदलना केवल एक कॉस्मेटिक बदलाव नहीं है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक और आर्थिक मायने हैं। 60:40 के रेश्यो का मतलब है कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे कल्याणकारी योजनाओं से अपना हाथ खींच रही है और बोझ राज्यों पर डाल रही है। यह सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) की भावना के खिलाफ हो सकता है। वहीं, ‘जी-राम-जी’ नाम के जरिए सरकार शायद अपनी नई पहचान स्थापित करना चाहती है, लेकिन विपक्ष इसे गरीबों की लाइफलाइन को कमजोर करने की साजिश के रूप में देख रहा है। यह मुद्दा आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के बीच टकराव का बड़ा कारण बन सकता है।
जानें पूरा मामला (Background)
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजनाओं में से एक है। हाल ही में सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए इसे ‘जी-राम-जी’ (संभवतः ग्रामीण रोजगार और विकास गारंटी) नाम देने और फंडिंग के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। इसी के विरोध में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लामबंद हो गए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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Rahul Gandhi ने मोदी सरकार पर मनरेगा का नाम बदलने का आरोप लगाया।
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उन्होंने कहा कि यह फैसला Cabinet की मंजूरी के बिना सीधे PMO ने लिया।
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नए नियमों के तहत फंडिंग रेश्यो 60:40 किया गया है, जिससे राज्यों पर बोझ बढ़ेगा।
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राहुल ने इसे Democratic Structure और गरीबों के अधिकारों पर हमला बताया।
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कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ Nationwide Protest की चेतावनी दी है।






