नई दिल्ली8 फरवरी (The News Air) : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पीएम मोदी की जाति को लेकर किए गए दावे पर केंद्र सरकार ने पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समुदाय में पैदा नहीं हुए हैं। सरकार ने इस मामले में कहा कि पीएम मोदी जिस जाति से आते हैं, वो गुजरात राज्य में पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के अंतर्गत आती है।
राहुल गांधी ने कसा था पीएम की जाति को लेकर तंज :ओडिशा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से नहीं आते हैं। वो तेली जाति में पैदा हुए थे, जिसे गुजरात में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ओबीसी सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री पर खुद को ओबीसी सदस्य के रूप में पहचान कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
केंद्र सरकार ने किया पलटवार : इसका जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि तेली या मोध घांची जाति सामाजिक और शैक्षिक रूप से गुजरात सरकार की पिछड़ा वर्ग यानी की ओबीसी सूची में शामिल है। सरकार ने कहा, ‘गुजरात में एक सर्वे के बाद, मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की, जिसमें मोध घांची जाति शामिल थी। भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में मोध घांची को भी शामिल किया गया है। बता दें कि गुजरात में मोध घांचि जाति का दूसरा नाम ही तेली जाति है।
सरकार ने राहुल गांधी को यह भी याद दिलाया है कि मोध घांची जाति को ओबीसी की सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई, 1994 को जारी की गई थी, जब गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी। सरकार ने कहा, ‘भारत सरकार की 4 अप्रैल, 2000 की अधिसूचना के अनुसार इस जाति को ओबीसी (सूची में) शामिल किया गया था। जब दोनों अधिसूचनाएं जारी की गईं तो नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं थे। बल्कि कांग्रेस गुजरात की संभाल रही थी।
जातिगत जनगणना की चर्चाओं के बीच आया राहुल गांधी का बयान: पीएम मोदी की जाति को लेकर राहुल गांधी का तंज ऐसे समय आया है जब देश में जातीय जनगणना की चर्चा तेज है। विपक्ष ओबीसी वर्ग को लुभाने के लिए लगातार देश में जाति गनगणना की मांग कर रही है। वहीं सत्ताधारी बीजेपी इसे लेकर कुछ खास रुचि नहीं दिखा रही। जातीय जनगणना का मुद्दा पिछले साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा जब बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत गणना कराई और ये बताया कि वहां पिछड़े दलों की आबादी 60 प्रतिशत से ज्यादा हैं। यानी ओबीसी वर्ग सबसे बड़ा वोट बैंक बन गया है।
आरक्षण सीमा को हटाने का किया था वादा : इसके बाद कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार ओबीसी वर्ग को लुभाने की कोशिश में लगी हुई है। इसी सप्ताह राहुल गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीतती है, तो वह देशभर में जातिगत जनगणना कराएंगे और आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटा देंगे। सोमवार को राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि जब ओबीसी, दलितों, आदिवासियों को अधिकार देने का समय आता है, तो मोदी कहते हैं कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है, तो कहते हैं कि वो ओबीसी हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को संसद में पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आरक्षण का समर्थन नहीं करते थे। पीएम ने कहा, ‘पंडित नेहरू कहते थे कि अगर एससी, एसटी या ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। उन्होंने भर्ती भी बंद कर दी। नेहरूजी ने जो कहा, वह तब से कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर बन गया है। ऐसे उदाहरणों से कांग्रेस की मानसिकता को समझा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा एससी और एसटी समुदायों के हितों के खिलाफ रही है।’