Rahul Gandhi on Air Pollution : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान एक दुर्लभ और सुखद तस्वीर देखने को मिली। अक्सर तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप के लिए जाने जाने वाले सदन में, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक ऐसा मुद्दा उठाया जिस पर पक्ष और विपक्ष दोनों एक सुर में नजर आए। राहुल गांधी ने देश के प्रमुख शहरों में फैल रहे वायु प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे राजनीति से ऊपर उठकर सुलझाने की अपील की।
‘जहरीली हवा की चादर में लिपटे हैं शहर’
सदन में अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारे देश के अधिकतर बड़े शहर “जहरीली हवा की चादर” (Blanket of poisonous air) के नीचे जी रहे हैं। उन्होंने भावुक होकर कहा कि लाखों बच्चों के फेफड़े खराब हो रहे हैं और उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है। लोग कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और बुजुर्गों को सांस लेने में संघर्ष करना पड़ रहा है। राहुल ने जोर देकर कहा कि प्रदूषण का यह मुद्दा किसी विचारधारा या राजनीति का नहीं है, बल्कि यह हमारे लोगों की जिंदगी से जुड़ा है।
सरकार को दिया सहयोग का खुला ऑफर
राहुल गांधी ने सदन में स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के साथ पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा, “मैं निश्चित हूं कि इस मुद्दे पर सरकार और हमारे बीच पूरी सहमति होगी। यह ऐसा विषय नहीं है जिस पर हम एक-दूसरे को अपशब्द कहें। हमें देश को दिखाना चाहिए कि हम एक साथ मिलकर योजना बना सकते हैं और इस संकट का समाधान निकाल सकते हैं।” राहुल ने सुझाव दिया कि संसद में इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए, जिसमें बेहतरीन दिमागों (Best minds) का इस्तेमाल कर समाधान ढूंढा जाए।
‘प्रधानमंत्री हर शहर के लिए प्लान बनाएं’
राहुल गांधी ने प्रस्ताव रखा कि प्रधानमंत्री को देश के प्रत्येक शहर के लिए एक व्यवस्थित और “सिस्टमैटिक प्लान” बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले 5 या 10 सालों में हम इस समस्या को पूरी तरह खत्म भले न कर पाएं, लेकिन एक ठोस योजना के जरिए हम इसके प्रभाव को कम जरूर कर सकते हैं और लोगों का जीवन आसान बना सकते हैं।
सरकार का जवाब: ‘हम चर्चा और समाधान के लिए तैयार’
राहुल गांधी के इस सुझाव पर सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सुझाव के रूप में एक बयान दिया है और सरकार पहले दिन से ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। रिजिजू ने बताया कि यह मामला ‘बिजनेस एडवाइजरी कमेटी’ (BAC) में भी कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा उठाया गया था।
‘राजनीति से हटकर होगा काम’
किरेन रिजिजू ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार, प्रमुख विपक्षी दल और राहुल गांधी के सुझावों को साथ लेकर समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा के लिए हमेशा तैयार है। चूंकि यह मामला बीएसी (BAC) में लाया गया था, हम देखेंगे कि इस चर्चा को कैसे संरचित (Structure) किया जाए ताकि हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें।”
जानें पूरा मामला
संसद के ‘जीरो आवर’ (Zero Hour) के दौरान राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण के गंभीर होते स्तर पर अपनी बात रखी। आमतौर पर सरकार और विपक्ष के बीच कम ही मुद्दों पर सहमति बनती है, लेकिन प्रदूषण के मुद्दे पर राहुल गांधी ने इसे “नॉन-आइडियोलॉजिकल” (गैर-वैचारिक) मुद्दा बताकर सहयोग का हाथ बढ़ाया। सरकार ने भी इसे स्वीकारते हुए संकेत दिए हैं कि जल्द ही संसद में प्रदूषण पर एक सार्थक चर्चा देखने को मिल सकती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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राहुल गांधी ने कहा कि प्रदूषण राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय संकट है।
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विपक्ष ने प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।
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राहुल ने पीएम से अगले 5-10 साल के लिए हर शहर का प्लान बनाने की मांग की।
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सरकार ने स्वीकार किया कि वह सभी के सुझावों के साथ चर्चा और समाधान के लिए तैयार है।






