India Russia FTA Deal – रूस से भारत के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी आई है, जिसे अमेरिका के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों में नई गर्माहट देखने को मिल रही है। अब खबर है कि भारत और रूस जल्द ही Free Trade Agreement (FTA) कर सकते हैं। इसके लिए भारत यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ औपचारिक बातचीत शुरू कर चुका है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब अमेरिका भारत के साथ ट्रेड डील में आनाकानी कर रहा है और भारी-भरकम टैरिफ लगाकर दबाव बना रहा है।
किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए खुलेगा नया बाजार
रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने पुष्टि की है कि भारत के साथ एफटीए पर बातचीत चल रही है और पहले राउंड की बैठक हो चुकी है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस दिशा में एक रोडमैप तैयार किया है। इस एग्रीमेंट का सबसे बड़ा फायदा भारत के छोटे, मध्यम और लघु उद्योगों (MSMEs), किसानों और मछुआरों को होगा। उनके लिए रूस और यूरेशियन यूनियन के देशों (आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान) का एक विशाल बाजार खुल जाएगा। शर्तों में 18 महीने का एक रोडमैप तैयार किया गया है जिसका उद्देश्य भारतीय व्यवसायियों के लिए नए अवसर पैदा करना है।
अमेरिका को क्यों लग रहा है डर?
अमेरिका के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। अमेरिका लंबे समय से भारत पर दबाव बना रहा है कि वह अपने कृषि क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोले, जिसे भारत ने हमेशा खारिज किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि वे किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे। वहीं, अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ (पेनाल्टी) भी लगा रखा है। ऐसे में, अगर भारत और रूस के बीच एफटीए हो जाता है, तो भारत का झुकाव रूस की तरफ और बढ़ जाएगा, जो रणनीतिक रूप से अमेरिका के लिए चिंता का विषय है।
रूस की दुकानों में दिखेंगे ‘मेड इन इंडिया’ प्रॉडक्ट्स
रूस चाहता है कि भारतीय प्रॉडक्ट्स अब रूसी दुकानों में ज्यादा मात्रा में दिखाई दें। वहां भारतीय संस्कृति, फिल्में और गाने पहले से ही लोकप्रिय हैं। अब रूस भारतीय सामानों के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह खोलना चाहता है। रूस भारत को एक तेजी से विकसित होता हुआ बाजार और अपना “बेहद करीबी दोस्त” मानता है। यह सब कुछ एक खास एग्रीमेंट के जरिए कंफर्म होगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में जबरदस्त इजाफा होगा।
विश्लेषण: कूटनीति की नई बिसात (Expert Analysis)
भारत और रूस के बीच एफटीए की यह कवायद केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि एक गहरी भू-राजनीतिक (Geopolitical) चाल भी है। अमेरिका अपनी हेकड़ी और प्रतिबंधों के जरिए दुनिया को चलाना चाहता है, लेकिन भारत ने ‘आत्मनिर्भर’ विदेश नीति अपनाकर यह साबित कर दिया है कि वह किसी दबाव में नहीं आएगा। रूस के साथ एफटीए करके भारत ने अमेरिका को साफ संदेश दिया है कि हमारे पास विकल्पों की कमी नहीं है। यह एग्रीमेंट न केवल भारत की जीडीपी को बूस्ट करेगा, बल्कि डॉलर पर निर्भरता कम करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अमेरिका के लिए अब यह “करो या मरो” की स्थिति है—या तो वह भारत के साथ सम्मानजनक शर्तों पर ट्रेड डील करे, या फिर भारत को रूस के पाले में पूरी तरह जाते हुए देखे।
जानें पूरा मामला (Background)
भारत यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत कर रहा है। EAEU पांच देशों का एक समूह है जिसमें रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं। अक्टूबर 2000 में भारत-रूस सामरिक भागीदारी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के बाद से दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं। हाल ही में पुतिन के भारत दौरे और एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी ने इन रिश्तों को और प्रगाढ़ किया है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
भारत और रूस के नेतृत्व वाले EAEU के बीच जल्द हो सकता है Free Trade Agreement।
-
समझौते से भारतीय किसानों, मछुआरों और MSMEs को मिलेगा बड़ा बाजार।
-
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और ट्रेड डील में देरी के बीच यह भारत का बड़ा कदम।
-
रूस के उप-प्रधानमंत्री ने कहा- भारत हमारा करीबी दोस्त, हम साथ व्यापार करना चाहते हैं।
-
18 महीने के रोडमैप के तहत बातचीत जारी, पहले राउंड की बैठक संपन्न।






