Putin Visit India रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का खुला समर्थन किया है। अमेरिकी टैरिफ और पश्चिमी देशों के दबाव के बीच पुतिन ने साफ कर दिया है कि भारत अब एक शक्तिशाली देश है जो किसी के दबाव में काम नहीं करता।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यह भारत दौरा वैश्विक राजनीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पुतिन के भारत पहुंचते ही कई कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी खबर उनकी तरफ से पीएम मोदी और भारत की तारीफ को लेकर आई है। पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात केवल व्यापारिक ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने माना कि भारत और रूस के रिश्ते नए आयाम छू रहे हैं।
‘मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते’
पुतिन ने भारत-अमेरिका संबंधों और टैरिफ के मुद्दों पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी किसी के साथ टकराव नहीं चाहते, लेकिन वह किसी के दबाव में काम भी नहीं करते। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर टैरिफ को लेकर दबाव बना रहे हैं। पुतिन ने कहा कि भारत अब एक शक्तिशाली देश है और वह किसी भी विदेशी दबाव में आने वाला नहीं है। उन्होंने भारत की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि आजादी के 77 सालों के कम अंतराल में भारत ने बहुत ज्यादा तरक्की की है।
नाटो देशों को भारत का दो टूक जवाब
इस दौरे की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि अमेरिका और चीन की नजरें इस पर टिकी हैं। हाल ही में फ्रांस, जर्मनी और यूके जैसे यूरोपीय देशों ने आरोप लगाया था कि पुतिन युद्ध खत्म करना नहीं चाहते। इस पर भारत ने रूस का साथ देते हुए कड़ा रुख अपनाया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कहा था कि किसी तीसरे देश पर सार्वजनिक तौर पर ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक बयान में कहा है कि पुतिन अब जंग नहीं चाहते और इसे खत्म करना चाहते हैं।
अहम समझौतों पर होंगी नजरें
पुतिन और मोदी की इस मुलाकात में कई बड़े समझौतों पर मुहर लग सकती है। खबरों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच ‘रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट’ (Reciprocal Exchange of Logistics Support) को लेकर अहम समझौता हो सकता है। इसके अलावा व्यापार और रूसी तेल को लेकर भी बातचीत होने की पूरी संभावना है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिम के द्वारा भारत पर टैरिफ थोपे जाने की धमकियां दी जा रही हैं, ऐसे में रूस का खुला समर्थन भारत के लिए कूटनीतिक जीत जैसा है।
जानें पूरा मामला
यह दौरा भारत और रूस के 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन का हिस्सा है। यह यात्रा ऐसे भू-राजनीतिक माहौल में हो रही है जब अमेरिका भारत पर व्यापारिक दबाव बना रहा है और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिम का रुख कड़ा है। पुतिन का यह दौरा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और ‘किसी के दबाव में न आने’ की छवि को वैश्विक मंच पर और मजबूत करता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी किसी विदेशी दबाव में काम नहीं करते।
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भारत और रूस के बीच लॉजिस्टिक सपोर्ट और तेल व्यापार पर समझौते संभव।
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डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि पुतिन अब यूक्रेन युद्ध खत्म करना चाहते हैं।
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भारत ने यूरोपीय देशों की आलोचना के खिलाफ रूस का बचाव किया।






