चंडीगढ़ (Chandigarh), 23 जनवरी (The News Air): पंजाब में लड़कियों के जन्म को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए शुरू की गई ‘धी अनमोल दात’ पहल ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति प्राप्त की है। यह पहल पंजाब सरकार (Punjab Government) की उन कोशिशों का हिस्सा है जो लिंगानुपात (Sex Ratio) को संतुलित करने के लिए की जा रही हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस पहल को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत सराहा है।
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर (Dr. Baljeet Kaur) ने बताया कि पंजाब में लड़कियों के जन्म का अनुपात (Birth Ratio of Girls) वर्ष 2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया है। यह वृद्धि राज्य सरकार के सतत प्रयासों का परिणाम है। अब 75.51% से बढ़कर 78% लड़कियां जन्म ले रही हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा, संस्थागत प्रसव दर (Institutional Delivery Rate) भी 61% से बढ़कर 97.3% तक पहुंच गई है।
धी अनमोल दात के तहत फरीदकोट (Faridkot) जिले में लड़कियों के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जहां पारंपरिक ‘सरींह रस्म’ (Sareenh Rasm) की जाती है। इसमें नवजात बच्ची के परिवार अपने घर के दरवाजों पर नीम या सरींह के पत्ते बांधते हैं और बच्ची के पैरों की छाप को संजोकर रखते हैं। गांव में मिठाइयां बांटी जाती हैं, गिद्दा डाला जाता है, और गीत गाए जाते हैं। नवजात बच्चियों को बेबी कंबल और ग्रूमिंग किट दिए जाते हैं, जबकि उनके माता-पिता को बच्चियों के पैरों के निशान उपहार स्वरूप दिए जाते हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि यह मान्यता पंजाब सरकार की लड़कियों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों जैसे होशियारपुर (Hoshiarpur) में 120 लड़कियों के लिए निःशुल्क ड्राइविंग कक्षाएं शुरू की हैं, जिसका उद्देश्य लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना है।
इस पहल से जुड़े लोगों का कहना है कि यह न केवल लड़कियों के जन्म को बढ़ावा देता है बल्कि समाज में लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। इससे हमें उम्मीद है कि भविष्य में लड़कियों को उनका हक मिलेगा और वे अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगी।