चंडीगढ़ (Chandigarh), 24 जनवरी (The News Air): पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जवाहर नगर (Jawahar Nagar) में एक विवादास्पद घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूल में छात्रों को सजा के तौर पर रेत और बजरी उठवाने के मामले में पंजाब सरकार ने सख्त कदम उठाया है। कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) के आदेश पर स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया, जबकि कैंपस मैनेजर को बर्खास्त कर दिया गया है।
छात्रों से रेत और बजरी उठवाने का मामला
घटना लुधियाना के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (School of Eminence) की है, जहां छात्रों से देर से आने पर अमानवीय सजा दी गई। छात्रों को स्कूल कैंपस में रेत और बजरी उठाने के लिए मजबूर किया गया। इस शर्मनाक घटना की जानकारी मिलते ही शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने तुरंत एक्शन लिया और दोषी प्रिंसिपल और कैंपस मैनेजर पर कार्रवाई की।
बैंस ने कहा, “सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। इस तरह का क्रूर व्यवहार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
सरकार का सख्त संदेश: छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि
हरजोत सिंह बैंस ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करना और उन्हें सम्मानपूर्वक सीखने का मौका देना है, न कि उन्हें दंडित करना। उन्होंने कहा, “इस मामले पर मैंने तुरंत संज्ञान लिया और संबंधित प्रिंसिपल और कैंपस मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।”
साथ ही उन्होंने शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन को यह चेतावनी दी कि अगर भविष्य में कोई इस प्रकार का क्रूर व्यवहार करता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
छात्रों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
हरजोत सिंह बैंस ने इस अवसर पर यह भी कहा कि पंजाब सरकार छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। स्कूलों को ऐसा माहौल प्रदान करना चाहिए, जहां छात्र बिना डर और दबाव के शिक्षा ग्रहण कर सकें।
शिक्षा प्रणाली पर सवाल और जवाबदेही की मांग
यह घटना न केवल स्कूल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि शिक्षा के प्रति समाज के रवैये पर भी सवाल खड़े करती है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
- कई अभिभावकों ने स्कूलों में छात्रों के प्रति व्यवहार की जांच करने की मांग की।
- शिक्षा मंत्री के इस त्वरित एक्शन की सराहना भी की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बच्चों के साथ गलत व्यवहार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। पंजाब सरकार का यह कदम अन्य स्कूल प्रबंधन को भी छात्रों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने की याद दिलाता है।