चंडीगढ़ (Chandigarh), 17 जनवरी (The News Air): पंजाब पुलिस ने भारतीय संविधान (Indian Constitution) की धारा 21 (Article 21) पर एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला (Training Workshop) का आयोजन किया, जिसमें भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) के महत्वपूर्ण निर्णयों पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार (Right to Life and Personal Liberty) की सुरक्षा में संविधान की भूमिका को समझाना था।
नेशनल जुडिशियल एकेडमी (National Judicial Academy) के पूर्व निदेशक और प्रख्यात विधि विशेषज्ञ डॉ. बलराम गुप्ता (Dr. Balram Gupta) ने कार्यशाला में मुख्य भाषण दिया और 1951 के ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (A.K. Gopalan vs. Madras State) से लेकर 2017 के जस्टिस के.एस. पुट्टस्वामी (Justice K.S. Puttaswamy) के फैसलों तक के महत्वपूर्ण कानूनी संदर्भों से धारा 21 के विस्तार की जानकारी साझा की।
डॉ. गुप्ता, जिन्होंने 55 वर्षों से अधिक (More Than 55 Years) समय तक कानूनी क्षेत्र में सेवा दी, ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों को संविधान (Constitution) के तहत उनके कर्तव्यों और अधिकारों के महत्व को समझाया।
पंजाब पुलिस के अधिकारियों के लिए ज्ञानवर्धक सत्र: डॉ. गुप्ता ने दी प्रेरणादायक सलाह
डॉ. बलराम गुप्ता ने कार्यशाला में पंजाब पुलिस (Punjab Police) के डीजीपी गौरव यादव (DGP Gaurav Yadav) और विशेष डीजीपी (Special DGP) सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधानिक अधिकारों (Constitutional Rights) का पालन करते हुए पुलिस को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से धारा 21 (Article 21) की अहमियत पर जोर दिया और पुलिसिंग के दौरान इसे बनाए रखने की आवश्यकता बताई।
कार्यशाला में विशेष डीजीपी मानव संसाधन विकास (HRD) ईश्वर सिंह (Ishwar Singh), विशेष डीजीपी नीति और नियम (Special DGP Policy and Rules) एस.के. अस्थाना (S.K. Asthana), और विशेष डीजीपी रेलवे (Special DGP Railway) शशि प्रभा द्विवेदी (Shashi Prabha Dwivedi) जैसे कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
क्या है धारा 21 का महत्व? : धारा 21 (Article 21) भारतीय संविधान का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा (Most Important Part) है, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता (Right to Life and Personal Liberty) के अधिकार की रक्षा करता है। इसे भारतीय न्यायपालिका ने कई अहम मामलों में विस्तार से समझाया है। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि हर नागरिक को संविधान (Constitution) में वर्णित अधिकारों के तहत जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार मिले।
सीखने का अवसर: पंजाब पुलिस द्वारा आयोजित कार्यशालाएं आगे भी जारी रहेंगी : डीजीपी गौरव यादव (DGP Gaurav Yadav) ने कार्यशाला के अंत में यह सुनिश्चित किया कि पंजाब पुलिस (Punjab Police) इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन निरंतर जारी रखेगी ताकि उनके अधिकारी संविधानिक कर्तव्यों (Constitutional Duties) को समझकर सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।
इस अवसर पर एडीजीपी (ADGP) और अन्य कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। डॉ. गुप्ता का भाषण कर्मचारियों को एक नए दृष्टिकोण और कार्यशैली से परिचित कराता है, जिससे वे संविधान (Constitution) के दायरे में रहकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकेंगे।