Punjab Govt Selling PSPCL Land Patiala : ‘रंगला पंजाब’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार अब खाली खजाना भरने के लिए सरकारी जमीनें बेचने की तैयारी कर रही है। ताजा मामला पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) की पटियाला स्थित 90 एकड़ बेशकीमती जमीन का है, जिसे बेचने का सरकार ने पूरा मन बना लिया है।
यह आरोप लग रहे हैं कि सरकार अपने ‘सियासी शौक’ पूरे करने के लिए अब घर के गहने बेचने पर उतर आई है। पटियाला के 23 नंबर फाटक के पास बंडूगर में स्थित बिजली बोर्ड की यह 90 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत हजारों करोड़ रुपये आंकी जा रही है, उसे अब पुड्डा (PUDA) या किसी अन्य एजेंसी को ट्रांसफर करने की तैयारी है।
CMD ने किया विरोध तो हुए ट्रांसफर!
इस मामले ने एक बड़ा प्रशासनिक विवाद भी खड़ा कर दिया है। बताया जा रहा है कि PSPCL के पूर्व CMD (चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर) ए.के. सिन्हा, जो एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, इस जमीन को बेचने के फैसले के खिलाफ थे।
उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, जिसके बाद सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया। उनकी जगह एक जूनियर IAS अधिकारी बसंत गर्ग को CMD का चार्ज दे दिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इस फैसले पर सहमति दे दी है।
पहले भी लुधियाना की जमीन पर थी नजर
यह पहली बार नहीं है जब मान सरकार पर सरकारी जमीनें बेचने का आरोप लगा है। इससे पहले सरकार ने लुधियाना में 25,000 एकड़ जमीन पर ‘लैंड पूलिंग’ स्कीम के तहत कॉलोनियां बसाने की योजना बनाई थी, लेकिन भारी जन विरोध के बाद सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे।
अब सरकार की नजर पटियाला की 90 एकड़ जमीन के साथ-साथ लुधियाना में बिजली बोर्ड की 124 एकड़ जमीन पर भी है, जिसे बेचने की योजना भी तैयार हो चुकी है।
हाई-टेंशन तारें भी हटाई जा रहीं
सरकार इस जमीन को बेचने के लिए कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटियाला की इस 90 एकड़ जमीन के ऊपर से गुजर रही 66 किलोवॉट की दो हाई-टेंशन बिजली लाइनों को भी शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जमीन खरीदने वाले बिल्डर या एजेंसी को वहां शॉपिंग मॉल या फ्लैट बनाने में कोई दिक्कत न आए।
‘सियासी शौक’ पूरे करने के लिए बिक रहा पंजाब?
सरकार के इस कदम पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार महिलाओं को 1000 रुपये देने जैसे अपने ‘सियासी शौक’ पूरे करने के लिए पंजाब की संपत्तियां बेच रही है।
चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने दावा किया था कि एक्साइज और माइनिंग (रेत) से ही सालाना 50,000 करोड़ रुपये का खजाना भरा जाएगा। इसके अलावा, 25,000 करोड़ की टैक्स लीकेज रोकने की बात कही गई थी।
आंकड़ों के मुताबिक, 4 साल में यह रकम 3 लाख करोड़ रुपये बनती है। सवाल यह है कि अगर इतनी बड़ी रकम की चोरी रोकी गई, तो वह 3 लाख करोड़ रुपये कहां गए? और सरकार को खजाना भरने के लिए आज जमीनें बेचने की नौबत क्यों आ गई?
मुख्य बातें (Key Points)
-
पंजाब सरकार पर पटियाला में PSPCL (बिजली बोर्ड) की 90 एकड़ बेशकीमती जमीन बेचने का आरोप लगा है।
-
आरोप है कि पूर्व CMD ए.के. सिन्हा ने फैसले का विरोध किया, तो उन्हें हटाकर जूनियर अधिकारी को नियुक्त किया गया।
-
सरकार की नजर लुधियाना में भी बिजली बोर्ड की 124 एकड़ जमीन पर है।
-
विपक्ष का आरोप है कि ‘1000 रुपये’ जैसे ‘सियासी शौक’ पूरे करने के लिए सरकार पंजाब की संपत्तियां बेच रही है।






