अमृतसर (The News Air) मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 को जल्द हस्ताक्षर करने की चिट्ठी का जवाब पंजाब गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने दे दिया है। गवर्नर पुरोहित ने 19-20 जून को बुलाए गए विशेष सत्र को असंवैधानिक करार दिया है।वहीं उन्होंने दो दिन पास किए गए बिलों को कानून का उल्लंघन बताया है।
गवर्नर ने CM को जवाब दिया कि 19-20 को बुलाया गया इजलास कानून के तहत नहीं था। इसमें पास किए गए चारों बिल कानून का उल्लंघन है। गवर्नर ने कहा कि वह इस बारे में अटॉर्नी जनरल की राय लेंगे। इसके बाद ही वह पास किए गए बिलों पर हस्ताक्षर करेंगे।
गौरतलब है कि सीएम भगवंत मान ने गवर्नर को चिट्ठी लिखकर सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 में अमेंडमेंट एक्ट को मंजूरी देने की मांग की थी।
पंजाब सरकार ने इस सेशन में गुरुद्वारा एक्ट 1925 में संशोधन किया था। जिसके बाद दावा किया कि इसके बाद गोल्डन टेंपल से गुरबाणी का मुफ्त प्रसारण होगा।
दूसरा बिल पंजाब की यूनिवर्सिटीज के चांसलर को लेकर किया गया था। जिसमें कहा गया कि अब यूनिवर्सिटीज के चांसलर गवर्नर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री होंगे।
तीसरा बिल पंजाब में DGP की नियुक्ति को लेकर था। जिसमें कहा गया कि अब DGP के लिए पैनल UPSC को नहीं भेजा जाएगा। राज्य सरकार 7 मेंबरी कमेटी बनाएगी। वही इस पर फैसला करेगी।
चौथा बिल केंद्र सरकार द्वारा RDF फंड रोके जाने को लेकर था। जिसमें कहा गया कि अगर केंद्र ने फंड नहीं दिया तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं…