अमृतसर (The News Air) पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को खत लिख हरियाणा व राजस्थान पर अतिरिक्त पानी नहरों से ना लेने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही अपना पक्ष भी रखा कि पंजाब में बाढ़ की स्थिति के कारण दोनों राज्यों के आरोपों के बाद भी अतिरिक्त पानी पाकिस्तान की तरफ छोड़ना पड़ रहा है।
12 जुलाई को BBMB की पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों के साथ हुई बैठक में राज्य सरकार ने हरियाणा व राजस्थान को नहरों के माध्यम से पानी लेने का अनुरोध किया था। लेकिन दोनों ही राज्यों ने इसकी अनुमति दी और ना ही अभी तक कोई जवाब दिया। जिसके बाद पंजाब सरकार ने BBMB को खत लिख परिस्थितयों के बारे में जानकारी दी है।

पाकिस्तान ने अपने हेडवर्क्स के गेट खोल रखे हैं अगर पाकिस्तान भी इन्हें बंद कर देगा तो भारत-पाक सरहद पर फिरोजपुर एरिया में और हालात बिगढ़ सकते हैं।
पंजाब सरकार ने कहा कि अगर हरियाणा और राजस्थान बाढ़ की स्थिति को कम करने में मदद के लिए अपनी नहर प्रणाली में अतिरिक्त पानी नहीं लेते हैं तो उसके पास सतलज और ब्यास के अतिरिक्त पानी को हुसैनीवाला बैराज के माध्यम से पाकिस्तान में प्रवाहित करने की अनुमति देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
फिरोजपुर से करती है पाकिस्तान में प्रवेश
सतलुज और ब्यास हिमाचल प्रदेश से होकर पंजाब में आती हैं और कपूरथला जिले में मिलती हैं। इसके बाद सतलुज पंजाब सरकार द्वारा नियंत्रित हुसैनीवाला बैराज के माध्यम से फिरोजपुर में पाकिस्तान में प्रवेश करती है। राज्यों में अत्यधिक बारिश के बाद, पंजाब नदियों में अत्यधिक जल प्रवाह से जूझ रहा है, जिससे राज्य में बाढ़ आ चुकी है।

सरहद पर पानी में डूबी भारतीय चौकियां।
पंजाब पर पानी पाकिस्तान भेजने का लगाता रहा आरोप
जल संसाधन सचिव ने BBMB को लिखे खत में कहा- आश्चर्यजनक रूप से, हरियाणा और राजस्थान दोनों ने अपनी नहर प्रणालियों के लिए बांधों से पानी की मांग नहीं की है। इन परिस्थितियों में, पंजाब बांधों से डिस्चार्ज लेने में सक्षम नहीं हो रहा है क्योंकि बांधों के अलावा अन्य जलग्रहण क्षेत्रों से बहने वाली नदियों में पहले से ही भारी मात्रा में पानी मौजूद है।
पत्र में कहा गया है कि राजस्थान और हरियाणा दोनों आरोप लगाते रहे हैं कि पंजाब द्वारा पाकिस्तान को पानी छोड़ा जा रहा है। लेकिन असल में, पाकिस्तान में कोई पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। जब पूरे राज्य में बाढ़ आती है, तो हरियाणा व राजस्थान द्वारा अपनी नहरों के माध्यम से पानी की मांग नहीं की जाती है। ऐसे में पंजाब के पास फ्लड गेट्स खोलने और पानी को पाकिस्तान में भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।






