नई दिल्ली, 16 जून (The News Air)
Punjab Congress Crisis: 2022 में होने वाली पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को ख़त्म करने की कोशिशें जारी हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई अन्य नेताओं के दरमियान चल रहे विवाद को ख़त्म करने के लिए 20 जून को दिल्ली में एक मीटिंग बुलाई गई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय प्रधान सोनिया गांधी सभी नेताओं के साथ सीधी बातचीत करेंगी और पंजाब कांग्रेस के चोटी के नेताओं के दरमियान चल रहे कलह को ख़त्म करने की कोशिश करेगी।
पंजाब विधान सभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह पंजाब कांग्रेस के अंदर नेताओं में असंतुष्टि नज़र आ रही है, इसका सीधा प्रभाव चुनाव पर भी दिखाई दे रहा है। पिछले कई महीनों से पार्टी के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ख़िलाफ़ मोर्चा खोला है। अगर सूत्रों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस समिति के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम करने से इन्कार कर दिया है। इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री ने सिद्धू को डिप्टी सीएम का पद देने पर भी ऐतराज़ जताया है।
नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही कांग्रेस समिति के साथ बातचीत के दौरान कह चुके हैं कि अगर वह अपने पद पर लौट जाते हैं तो भी वह कैप्टन के साथ काम करना में ठीक महसूस नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव आने में एक साल से भी कम का समय बाकी है और अब तक मुख्यमंत्री जनता और पार्टी नेताओं के साथ कोई सम्बन्ध नहीं देखते। उन्होंने कहा कि बादल परिवार की परछाई अभी भी पंजाब सरकार पर नज़र आ रहा है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ विद्रोही व्यवहार दिखाया है, उससे पंजाब में कांग्रेस मुसीबत में आती प्रतीत होती है। सूत्रों के अनुसार समिति की तरफ़ से पेश की रिपोर्ट को देखते ही सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं समेत कई अन्य विधायकों को दिल्ली बुलाया है। जिससे पंजाब कांग्रेस में नेताओं के दरमियान चल रही फुट का हल हो सके और विधान सभा चुनाव की तैयारी में तेज़ी लाई जा सके।
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