The News Air (चंडीगढ़)- केंद्र सरकार के कृषि क़ानून वापसी के बाद CM चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार दबाव में आ गई है। घर वापसी के बाद किसान पंजाब की कांग्रेस सरकार को घेर सकते हैं। इसे देखते हुए बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग हो रही है। इसमें कांग्रेस अपने क़र्ज़ माफ़ी के चुनावी वायदे पर मंथन करेगी। इसके अलावा किसानों से जुड़े दूसरे मुद्दे भी चर्चा में रहेंगे। कुछ दिन पहले सीएम चन्नी ने किसान नेताओं से मीटिंग भी की थी। जिसमें क़रीब 18 मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन वह अभी लागू नहीं हो सके हैं।
क़र्ज़ माफ़ी पर केंद्र को घसीटने की कोशिश
CM चरणजीत चन्नी भी समझ चुके हैं कि दिल्ली बॉर्डर से वापस लौटते ही किसानों के निशाने पर राज्य की कांग्रेस सरकार होगी। यहां कांग्रेस का 2017 में किया क़र्ज़ माफ़ी का वादा अधूरा है। कुछ दिन पहले सीएम चन्नी ने किसानों से मीटिंग की तो उसमें भी क़र्ज़ माफ़ी पर कोई ठोस भरोसा नहीं दे सके। इसलिए मंगलवार को सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख केंद्र को इसमें घसीटने की कोशिश की। हालांकि पहले सुखबीर बादल और फिर पंजाब भाजपा ने कहा कि यह कांग्रेस का चुनावी वादा है, जिसे केंद्र सरकार क्यों पूरा करे?।
गन्ना किसानों की मांग भी हल नहीं हुई
सीएम चन्नी ने कुछ दिन पहले गन्ना किसानों से मीटिंग की। गन्ना किसान 360 रुपए प्रति क्विंटल रेट मांग रहे थे, जिसमें उनको भरोसा तो मिला, लेकिन किसानों के खाते में रुपए नहीं गए। इसके बाद किसान एकता मोर्चा ने सीएम को चेतावनी भी दी कि अगर यह मसला हल नहीं हुआ तो चंडीगढ़ को भी दिल्ली बॉर्डर बना देंगे।