नई दिल्ली, 14 जनवरी (The News Air) पंजाब BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान (Shivraj Chauhan) से मुलाकात की। इस बैठक में मुख्य रूप से किसानों की मांगों, MSP (Minimum Support Price) गारंटी कानून, और अन्य कृषि संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।
इसके साथ ही जाखड़ ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) से भी भेंट की। पंजाब BJP की आगामी बैठक 15 जनवरी को चंडीगढ़ (Chandigarh) में आयोजित की जाएगी, जहां किसान आंदोलन पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
खनौरी बॉर्डर पर किसानों की रणनीति जारी : उधर, पंजाब और हरियाणा की सीमा पर स्थित खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) पर किसान आंदोलन तेज होता जा रहा है। यहां संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक (Samyukt Kisan Morcha Non-Political) की मीटिंग हुई, जिसमें आंदोलन को अगले चरण में ले जाने की रणनीति बनाई गई।
हरियाणा (Haryana) के कैथल (Kaithal) जिले से भी किसानों का एक बड़ा जत्था खनौरी बॉर्डर पर पहुंचने वाला है।
जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी :इस आंदोलन के प्रमुख नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) का मरणव्रत आज 50वें दिन में प्रवेश कर गया। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। उन्हें बोलने में दिक्कत हो रही है और उनकी शारीरिक स्थिति बेहद नाजुक है।
डल्लेवाल ने स्पष्ट किया है कि जब तक केंद्र सरकार उनसे बातचीत के लिए आगे नहीं आती, वे किसी भी प्रकार की मेडिकल सुविधा नहीं लेंगे।
पंजाब सरकार के इंतजाम : पंजाब सरकार ने खनौरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के लिए 500 मीटर की दूरी पर एक अस्थाई अस्पताल की व्यवस्था की है। यहां डॉक्टरों की टीम और मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। इसके अलावा, पानी, भोजन और अन्य सुविधाओं के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं।
किसानों की मुख्य मांगें
- MSP गारंटी कानून: किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को कानूनी रूप से गारंटी दे।
- कर्ज माफी: छोटे और मझोले किसानों के लिए कर्ज माफी योजना लागू की जाए।
- आंदोलनकारियों पर दर्ज केस: किसानों पर दर्ज किए गए सभी केस वापस लिए जाएं।
खेती और आंदोलन पर गहराता संकट : खनौरी बॉर्डर पर चल रहे इस आंदोलन ने न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी है। किसानों का संघर्ष और सरकार के साथ वार्ता की स्थिति इस पूरे मामले को और जटिल बना रही है।
आपकी राय? : क्या MSP गारंटी कानून और किसानों की मांगों को केंद्र सरकार को मान लेना चाहिए? इस मुद्दे पर अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!