Punjab Assembly Session: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा बुलाए गए पंजाब विधानसभा सत्र को अपने राजनीतिक हितों के लिए केंद्र और राज्य के संबंधों में कड़वाहट पैदा करने की कोशिश बताया है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में आम आदमी पार्टी अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए इस तरह का प्रोपेगेंडा कर रही है। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में विकास तभी संभव है जब केंद्र और राज्य मिलकर काम करें, जबकि आम आदमी पार्टी का रवैया हमेशा ही केंद्र के साथ टकराव वाला रहा है।
सत्र के दौरान इस्तेमाल की गई भाषा पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह संसदीय मर्यादाओं के अनुरूप नहीं थी। उन्होंने दोहराया कि नया कानून पूरी तरह गरीबों के हित में है और यह पारदर्शी तरीके से गरीबों तक मजदूरी पहुंचाना सुनिश्चित करेगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन वे यह भूल गए कि नरेगा योजना को लागू करने का पूरा ढांचा पूरी तरह राज्य सरकार के अधीन होता है। यदि मुख्यमंत्री को पता है कि भ्रष्टाचार हो रहा है, तो फिर इतने वर्षों तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
इससे पहले आज सुबह भी सुनील जाखड़ ने एक ट्वीट के जरिए इस सत्र से निकलने वाले नतीजों के बारे में संकेत दे दिया था। उन्होंने ट्वीट किया था:
“स्पेशल विधानसभा सत्रों की श्रृंखला में आज एक और कड़ी जुड़ने जा रही है। लेकिन इससे पंजाब को क्या फायदा होगा? सरकार को राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करनी चाहिए थी। अगर राज्य में अमन-शांति होगी, तभी लोग काम कर पाएंगे। दूसरा, सरकार अपने मंत्रियों और सहयोगियों को बचाने के लिए नरेगा में हुए भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं करवा रही है? क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान जी विधानसभा में यह भी बताएंगे?
हर मंच से पंजाब के भरे हुए खजाने की बात करने वाली मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के लिए यह भी एक मौका है कि वह गरीबों को अब 100 की बजाय 125 दिन का रोजगार उपलब्ध कराकर गरीबों की सच्ची हितैषी होने का प्रमाण दे। यदि वे वास्तव में गरीबों के हितैषी हैं, तो उन्हें भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव भी लाना चाहिए।”






