पटियाला, 13 जनवरी (The News Air) पटियाला नगर निगम (Patiala Nagar Nigam) चुनाव में लंबे समय से विवादित 7 वार्डों को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इन वार्डों के चुनाव स्थगित करने के आदेश को रद्द कर दिया है। अब इन वार्डों के विजयी उम्मीदवार शपथ लेकर अपने पद संभाल सकते हैं। यह फैसला पंजाब की राजनीतिक हलचल में एक नई दिशा देता है।
High Court का ऐतिहासिक फैसला: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पटियाला नगर निगम के 7 वार्डों के चुनाव स्थगन के फैसले को खारिज कर दिया। अदालत ने साफ कहा कि अगर किसी को इस फैसले पर आपत्ति है, तो वह नई याचिका दायर कर सकता है।
- मुख्य बातें:
- 7 वार्डों के विजेता उम्मीदवार अब अपने पद की शपथ ले सकेंगे।
- स्टेट निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के स्थगन आदेश को अवैध घोषित किया गया।
- अदालत ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, और विजेताओं को सर्टिफिकेट भी मिल चुके थे।
चुनाव स्थगन पर क्यों उठे सवाल? : दिसंबर में हुए निकाय चुनाव (Municipal Elections) के दौरान कुछ वार्डों में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इसके बाद स्टेट निर्वाचन आयोग ने इन 7 वार्डों के चुनाव स्थगित कर दिए थे।
- अदालत में दी गई दलील:
- एडवोकेट फैरी सोफत (Advocate Ferry Sofat) ने कोर्ट को बताया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
- विजयी उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र (Certificates) भी दिए जा चुके थे।
- स्टेट के पास चुनाव डैफर करने का अधिकार नहीं था।
अदालत ने इन दलीलों को मानते हुए स्थगन आदेश को खारिज कर दिया।
Patiala Nagar Nigam के चुनावी नतीजे : पटियाला नगर निगम में कुल 60 वार्ड हैं।
- चुनावी परिणाम:
- आम आदमी पार्टी (AAP) ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की।
- कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) ने 4-4 सीटें जीतीं।
- शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) को 2 सीटें मिलीं।
- 7 वार्डों के चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।
आम आदमी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत था और उन्होंने मेयर (Mayor) की कुर्सी पर कब्जा किया।
अब क्या होगा आगे? : हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब 7 वार्डों के विजेता पार्षद शपथ लेकर अपने पद ग्रहण करेंगे।
- राजनीतिक असर:
- आम आदमी पार्टी को इस फैसले से और मजबूती मिलेगी।
- विपक्षी दलों की रणनीति पर असर पड़ सकता है।
पटियाला नगर निगम चुनाव के 7 वार्डों को लेकर अदालत का फैसला राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से एक बड़ा मोड़ है। आम आदमी पार्टी की जीत को और मजबूती मिलने के साथ, इस फैसले ने अन्य राजनीतिक दलों को नई रणनीतियां बनाने पर मजबूर कर दिया है। पटियाला में अब राजनीतिक समीकरण कैसे बदलेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।