प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक आम लेकिन गंभीर प्रकार का कैंसर है, जो खासतौर पर 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को प्रभावित करता है। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने की खबर ने इस विषय पर वैश्विक चर्चा को फिर से तेज कर दिया है।
प्रोस्टेट क्या है और यह कैंसर कैसे होता है?
प्रोस्टेट एक छोटा ग्रंथि (gland) होता है जो पुरुष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होती है। यह मूत्राशय के नीचे और मूत्रमार्ग के आसपास स्थित होती है और शुक्राणु को पोषण देने वाले तरल का निर्माण करती है। जब इस ग्रंथि की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तब प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर अक्सर शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं देता, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं:
- बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में
- पेशाब के समय जलन या दर्द
- पेशाब या वीर्य में खून आना
- पीठ, कूल्हों या जांघों में लगातार दर्द
- यौन क्षमता में गिरावट
प्रोस्टेट कैंसर के कारण और जोखिम कारक
- उम्र: 50 वर्ष से ऊपर के पुरुषों में जोखिम अधिक होता है
- परिवार का इतिहास: अगर पिता या भाई को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है
- आहार: हाई-फैट डाइट और रेड मीट का अधिक सेवन
- नस्लीय कारक: अफ्रीकी-अमेरिकन पुरुषों में उच्च जोखिम
- हार्मोनल असंतुलन
प्रोस्टेट कैंसर की जांच कैसे होती है?
- PSA टेस्ट (Prostate Specific Antigen): ब्लड टेस्ट से पता चलता है कि शरीर में प्रोस्टेट से संबंधित प्रोटीन कितना है
- डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE): डॉक्टर अंगुली से प्रोस्टेट का आकार और कठोरता जांचते हैं
- MRI और बायोप्सी: कैंसर की पुष्टि और स्टेज जानने के लिए
ग्लीसन स्कोर क्या होता है?
ग्लीसन स्कोर यह बताता है कि कैंसर कितना आक्रामक है। स्कोर 6 से 10 तक होता है:
- 6: कम आक्रामक
- 7: मध्यम
- 8-10: अत्यधिक आक्रामक (जैसे जो बाइडेन को स्कोर 9 मिला)
इलाज के विकल्प
- सर्जरी (Prostatectomy): प्रोस्टेट को निकाल देना
- रेडियोथेरेपी: रेडिएशन से कैंसर कोशिकाएं मारना
- हार्मोन थेरेपी: टेस्टोस्टेरोन को कम कर के कैंसर की वृद्धि रोकना
- कीमोथेरेपी: जब कैंसर शरीर में फैल चुका हो
- Active Surveillance: जब कैंसर धीरे-धीरे बढ़ रहा हो और कोई लक्षण न हों
बचाव और जीवनशैली सुझाव
- फाइबर युक्त आहार लें (फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज)
- रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड से परहेज़
- नियमित व्यायाम करें
- सालाना हेल्थ चेकअप करवाएं
- धूम्रपान और शराब से बचें
भारत में जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती
भारत में प्रोस्टेट कैंसर पर खुलकर बात नहीं होती, जिसके चलते समय रहते जांच और इलाज नहीं हो पाता। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में तो स्थिति और भी गंभीर है। पुरुषों को चाहिए कि वे नियमित जांच करवाएं और लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
निष्कर्ष: समय रहते जांच ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय
प्रोस्टेट कैंसर जानलेवा हो सकता है, लेकिन अगर समय रहते पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। जागरूकता और समय पर जांच से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। जो बाइडेन जैसे उदाहरण यह दिखाते हैं कि उम्र चाहे जो भी हो, साहस और सही इलाज से कैंसर को मात दी जा सकती है।
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