प्रोजेक्ट-75i के तहत भारतीय नौसेना को 6 नई एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन (AIP) युक्त सबमरीन मिलेंगी। ये सबमरीन जर्मन कंपनी TKMS और स्पेन की नावंतिया कंपनी के सहयोग से एल एंड टी और MDL द्वारा भारत में बनाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट से तकनीकी हस्तांतरण सुनिश्चित होगा, जिससे स्वदेशी कंपनियों की क्षमता बढ़ेगी और वे भविष्य में खुद ही सबमरीन डिजाइन और विकसित करने में सक्षम होंगी।
- प्रोजेक्ट-75i की शुरुआत: भारतीय नौसेना को 6 नई AIP युक्त सबमरीन मिलेंगी।
- AIP सिस्टम की विशेषता: यह सिस्टम सबमरीन को ज्यादा वक्त तक पानी के नीचे रहने में मदद करता है।
- विदेशी कंपनियों का सहयोग: एल एंड टी जर्मन कंपनी TKMS के साथ और MDL स्पेन की नावंतिया कंपनी के साथ मिलकर काम करेंगी।
- तकनीकी हस्तांतरण: इस प्रोजेक्ट से स्वदेशी कंपनियों को तकनीकी हस्तांतरण मिलेगा।
- स्वदेशी क्षमता में वृद्धि: इस तकनीकी हस्तांतरण से भारतीय कंपनियां भविष्य में खुद सबमरीन डिजाइन और विकसित कर सकेंगी।
- प्रोजेक्ट-75i की प्रक्रिया: तकनीकी मूल्यांकन और फील्ड मूल्यांकन हो चुका है, अब स्टाफ मूल्यांकन होना बाकी है।
- रक्षा मंत्रालय की मंजूरी: रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी और अप्रूवल के बाद कॉन्ट्रैक्ट निगोसिएशन कमिटी इसे देखेगी।
- कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी का अप्रूवल: मंत्रालय से अप्रूवल मिलने के बाद कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी का अप्रूवल लिया जाएगा।
- कॉन्फ्रैक्ट साइनिंग: किसी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के 3-4 साल बाद सबमरीन मिलनी शुरू होंगी।
- पाकिस्तान के पास पुरानी AIP सबमरीन: पाकिस्तान के पास भी AIP सबमरीन हैं, लेकिन वे पुरानी हो चुकी हैं। चीन पाकिस्तान के लिए नई 8 सबमरीन बना रहा है।