नई दिल्ली (New Delhi)15 जनवरी (The News Air): आज, तिरुवल्लुवर दिवस (Thiruvalluvar Day) के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने महान तमिल दार्शनिक और कवि तिरुवल्लुवर (Thiruvalluvar) को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि तिरुवल्लुवर की रचनाएं, विशेष रूप से उनकी महान काव्य कृति तिरुक्कुरल (Tirukkural), तमिल संस्कृति और भारतीय दार्शनिक विरासत का सार प्रस्तुत करती हैं। प्रधानमंत्री ने तिरुवल्लुवर के विचारों को गहरी अंतर्दृष्टि और प्रेरणा का स्रोत बताया, जो समाज में धार्मिकता, करुणा और न्याय का प्रचार करती हैं।
On Thiruvalluvar Day, we remember one of our land’s greatest philosophers, poets, and thinkers, the great Thiruvalluvar. His verses reflect the essence of Tamil culture and our philosophical heritage. His teachings emphasize righteousness, compassion, and justice. His timeless…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2025
तिरुवल्लुवर के विचारों की गूंज आज भी: प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा, “तिरुवल्लुवर दिवस पर, हम अपने देश के महानतम दार्शनिकों, कवियों और विचारकों में से एक, तिरुवल्लुवर को याद करते हैं। उनकी कविताएं न केवल तमिल संस्कृति को बल्कि हमारी समग्र भारतीय दार्शनिक विरासत को भी प्रदर्शित करती हैं। उनके विचारों में धार्मिकता, करुणा और न्याय की महत्वपूर्ण शिक्षा छिपी हुई है, जो समाज को बेहतर बनाने में सहायक हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, “तिरुवल्लुवर की कालजयी कृति, तिरुक्कुरल, आज भी हमारे जीवन में प्रेरणा का प्रकाश बनी हुई है। इसमें कई जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी समझ और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। हम तिरुवल्लुवर के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर अपने समाज को और बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।”
तिरुक्कुरल: जीवन के हर पहलू पर गहरी शिक्षा : तिरुवल्लुवर की काव्य रचनाओं में तिरुक्कुरल का विशेष स्थान है, जो जीवन के हर पहलू पर गहरी शिक्षा देती है। यह काव्य जीवन के आचार, नीति, धर्म, और समाज के अन्य पहलुओं पर आधारित है और आज भी प्रासंगिक बनी हुई है।
तिरुवल्लुवर के तिरुक्कुरल (Tirukkural) में कुल 1,330 श्लोक होते हैं, जो धर्म (Dharma), अर्थ (Artha), और काम (Kama) के विषयों पर आधारित हैं। इन श्लोकों में जीवन को सजीव और प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे समाज को सुधारने के लिए मार्गदर्शन मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी का तिरुवल्लुवर के योगदान पर जोर : प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर तिरुवल्लुवर के योगदान को समाज और संस्कृति के प्रति उनके महान दृष्टिकोण को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, “तिरुवल्लुवर की शिक्षा और उनकी काव्य रचनाएं हमें मानवता, धर्म, और शांति के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर बन चुका है।”
तिरुवल्लुवर का योगदान भारतीय समाज और संस्कृति में अनमोल है। उनके विचारों और रचनाओं ने न केवल तमिल समाज को, बल्कि पूरे भारत को सशक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस तिरुवल्लुवर दिवस (Thiruvalluvar Day) पर उनकी शिक्षाओं को न केवल सम्मानित किया, बल्कि उन्हें एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया है, जो आज भी हमारे समाज की नींव को मजबूत करने में मदद करता है।