कोलकाता में 32 कैरेट हीरे के चोरी की एक हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई है। यह घटना बिलकुल किसी बॉलीवुड फिल्म की तरह से है। जिसमें चोरी और सस्पेंस का भरपूर मसाला मौजूद है। हीरे की चोरी के बाद इसे लेकर एक लंबी कनूनी लड़ाई भी चली। हीरे की चोरी बंदूक के नोक पर की गई। चोरी होने के बाद पुलिस हीरे की तलाश में जुटी रही। हालांकि हीरा सीढ़ी के नीचे स्विचबोर्ड में मिला।
जज भी रह गए हैरान
कोर्ट में इस लंबी कानूनी लड़ाई के फैसले में खुद जज भी अपने आप को फेमस फेलुदा क्लासिक ‘जॉय बाबा फेलुनाथ’ की तुलना करने से नहीं रोक सके। जज ने हीरे को उसके असली मालिक के पास सौंप दिया। सत्यजीत रे के द्वारा निर्दशित की गई ‘जॉय बाबा फेलुनाथ’ में एक कीमती वस्तु को दुर्गा जी की मूर्ती में शेर की मूर्ती के मुंह में छिपाया गया था। वहीं चोरी किए गए हीरे की असल कीमत 15 करोड़ रुपये आंकी गई है।
कब शुरू हुई थी कहानी
हीरा चोरी होने की यह कहानी साल 2002 में शुरू होती है। साउथ कोलकाता के रहने वाले और हीरे के मालिक प्रणब कुमार रॉय अपने कीमती रत्न के लिए वैल्यू लगाने वाले की तलाश कर रहे थे। उसी समय एक हीरा दलाल, इंद्रजीत तापदार वैल्युअर के साथ उनके घर गए। य को इन दोनों द्वारा सोने की अंगूठी में जड़े हीरे को संभालने पर संदेह हुआ और उन्होंने इसे वापस करने का अनुरोध किया। रॉय के अनुसार, तपदार ने फिर पिस्तौल लहराई और हीरा अपने साथी को दे दिया। रॉय ने पुलिस को बताया कि रॉय और तापदार के बीच हाथापाई हुई, इस दौरान दूसरे व्यक्ति ने रॉय को रोक लिया। इसके बाद, यह जोड़ा हीरा लेकर भाग गया।
पुलिस ने की हीरे की तफ्तीश
हीरे की तफ्तीश के दौरन पुलिस ने तापदार के घर का पता लगाया और काफी खोज-बीन के बाद भी वे हीरे का पता लगाने में नाकाम रहे। हलांकि खोज जारी रखने के बाद पुलिस को सीढ़ी के नीचे एक स्विचबोर्ड में हीरा दबा हुआ मिला। न्यायाधीश आनंद शंकर मुखोपाध्याय ने इस घटना और फेमस कहानी के बीच समानताएं बताईं। ट्रायल कोर्ट ने प्रणब कुमार रॉय को कुछ खास शर्तों के तहत हीरे की कस्टडी बरकरार रखने की अनुमति दी थी। शर्तों के मुताबिक वे हीरे में बदलाव नहीं कर सकते हैं और उनको अदालत में 2 करोड़ रुपये का बांड भी जमा करना था।
तापदार को सुनाई दो साल की सजा
तापदार को ट्रायल कोर्ट ने दोषी पाया और बाद में दो साल जेल की सजा सुनाई। तापदार ने फैसले के खिलाफ अपील की। पिछले हफ्ते, शहर सत्र अदालत ने तापदार के अपराध की पुष्टि करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। प्रसिद्ध हीरा विशेषज्ञ और बंगाल ज्वैलरी के नामित भागीदार शुभदीप रॉय ने 32 कैरेट गोलकुंडा हीरे की दुर्लभता और महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गोलकोंडा दुनिया की सबसे पुरानी खदानों में से एक है और यह कोह-ए-नूर और शाहजहाँ हीरे जैसे प्रतिष्ठित हीरों से जुड़ा है।