प्रयागराज, 30 जनवरी (The News Air):- प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़: मौनी अमावस्या पर कैसे हुआ बड़ा हादसा?
Prayagraj Mahakumbh (प्रयागराज महाकुंभ) के सबसे बड़े पर्व Mouni Amavasya (मौनी अमावस्या) पर अमृत स्नान के दौरान बड़ा हादसा हो गया। संगम नोज (Sangam Nose) पर मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए। आखिर करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद के बावजूद सिस्टम क्यों फेल हो गया? प्रशासनिक चूक, खराब प्लानिंग और भीड़ नियंत्रण में नाकामी कैसे बनी मौत का कारण? आइए जानते हैं।
कैसे हुआ हादसा? क्या बोले अफसर?
मंगलवार देर रात करीब 1:30 AM पर संगम नोज पर अचानक भगदड़ मच गई। पुलिस और प्रशासन ने दावा किया था कि 84 Holding Areas बनाए गए थे, लेकिन लाखों श्रद्धालुओं को सीधे संगम की ओर भेज दिया गया। हादसे के बाद DIG Vaibhav Krishna और Mela Adhikari Vijay Kiran Anand ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि 5 अब भी अज्ञात हैं।
प्रयागराज महाकुंभ में 8 से 10 करोड़ लोगों के आने की संभावना जताई गई थी, फिर भी व्यवस्था में चूक क्यों हुई? ये रहे 5 बड़े कारण –
1. लाखों श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया से सीधे संगम की ओर भेजा
भीड़ नियंत्रण के लिए बनाए गए 84 Holding Areas का सही इस्तेमाल नहीं किया गया। श्रद्धालुओं को रात 8 PM के बाद सीधे संगम भेज दिया गया, जिससे रात 9 PM से वहां भीड़ लगातार बढ़ती रही। अमृत स्नान के लिए लोग घंटों बैठे रहे, जिससे जगह-जगह जाम लग गया।
2. वन-वे प्लान पूरी तरह फेल
प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए One-Way Entry & Exit Plan बनाया था, जिसमें श्रद्धालु Kali Road (काली रोड) से आकर Triveni Bandh (त्रिवेणी बांध) पार कर Sangam Upper Marg (संगम अपर मार्ग) से संगम तक पहुंचते और Akshayavat Marg (अक्षयवट मार्ग) से बाहर निकलते। लेकिन यह प्लान पूरी तरह से फेल हो गया। श्रद्धालु Sangam Upper Marg से ही एंट्री और एग्जिट करने लगे, जिससे भीड़ नियंत्रण मुश्किल हो गया।
3. बंद पांटून पुलों ने बढ़ाई मुसीबत
मेला क्षेत्र में 30 Pontoon Bridges (पांटून पुल) बनाए गए थे, लेकिन 12-13 पुलों को हमेशा बंद रखा गया। झूंसी (Jhunsi) से संगम आने वाले श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, जिससे बुजुर्ग और थके हुए श्रद्धालु संगम नोज पर बैठ गए। इससे भीड़ बढ़ती चली गई और भगदड़ मच गई।
4. प्रशासन की मनमानी और अव्यवस्थित बैरिकेडिंग
Prayagraj Mahakumbh 2025 (प्रयागराज महाकुंभ 2025) के लिए चौड़ी सड़कों का निर्माण किया गया, लेकिन प्रशासन ने इन्हें अधिकतर समय बंद रखा। Main Routes पर Excess Barricading की वजह से श्रद्धालुओं को पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ा। लोग संगम किनारे रुकने लगे, जिससे वहां भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी।
5. देर से पहुंची रेस्क्यू टीम
CISF (सीआईएसएफ) की टीम Sector 10 में रुकी थी, लेकिन जब भगदड़ मची तो उन्हें Sector 3 पहुंचने में काफी समय लग गया। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई और हालात और बिगड़ गए।
प्रशासन ने क्या कहा?
DIG Vaibhav Krishna और मेलाधिकारी Vijay Kiran Anand ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन सवाल उठता है कि अगर सरकार और प्रशासन को इतनी भारी भीड़ की उम्मीद थी, तो Crowd Control Management बेहतर क्यों नहीं किया गया?
क्या सीख लेगा प्रशासन?
हर बार Maha Kumbh (महाकुंभ) में भीड़ प्रबंधन एक बड़ा मुद्दा रहता है, लेकिन इस बार भी वही पुरानी गलतियां दोहराई गईं। क्या आने वाले पर्वों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे या फिर इतिहास खुद को दोहराएगा?
Stay tuned for latest updates on Prayagraj Mahakumbh 2025, Mouni Amavasya stampede, कुंभ मेला सुरक्षा और प्रशासनिक चूक।