Caste Census पर केंद्र सरकार की घोषणा के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी मुद्दे पर आज चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि जाति जनगणना (Caste Census) अपने आप में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इससे सामाजिक बदलाव की गारंटी नहीं दी जा सकती। केंद्र सरकार ने बुधवार को ऐलान किया कि अगली राष्ट्रीय जनगणना (National Census) में जातिगत आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा।
जन सुराज (Jan Suraaj) के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि समाज के बारे में बेहतर जानकारी देने वाली किसी भी तरह की जनगणना में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने से बदलाव नहीं आता, जब तक सरकार उन आंकड़ों के आधार पर ठोस कार्य नहीं करती। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उदाहरण देते हुए कहा, “आप सिर्फ किताब खरीदकर विद्वान नहीं बन जाएंगे, आपको उसे पढ़ना और समझना होगा।”
प्रशांत किशोर ने इस दौरान बिहार (Bihar) में हुई जाति जनगणना की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उस रिपोर्ट में गरीब परिवारों को 2 लाख रुपए रोजगार के लिए देने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं किया गया। यह वही बिहार है, जहां महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) के तहत जातिगत आंकड़े इकट्ठा किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के सर्वे केवल तब उपयोगी होंगे जब सरकार उन पर ईमानदारी से काम करेगी।
प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी जन सुराज आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में टिकट किस आधार पर देगी। उन्होंने कहा कि काबिलियत सबसे बड़ा मानदंड होगा, लेकिन जिस समाज की जितनी जनसंख्या है, उसी अनुपात में उस समाज के काबिल लोगों को पार्टी का टिकट या पद मिलेगा।
इससे पहले, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने जानकारी दी कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि आगामी जनगणना में जाति गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ राज्यों ने जातिगत सर्वे को “गैर-पारदर्शी” तरीके से किया है, जिससे समाज में भ्रम और संदेह की स्थिति पैदा हुई है।
वैष्णव ने दो टूक कहा कि जनगणना केंद्र का विषय है और इसे राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करना सही नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार पारदर्शिता के साथ काम करते हुए समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए निर्णय ले रही है।