Prashant Kishor : चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अपनी पार्टी की फंडिंग को लेकर उठे सवालों पर करारा जवाब दिया है। बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) [JDU] द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में किशोर ने कहा, “मेरे पास पैसा मेरी बुद्धि और मां सरस्वती की कृपा से आता है। मैं कभी ठेकेदार, सांसद या विधायक नहीं रहा। और हम सब जानते हैं कि जिस पर सरस्वती जी की कृपा होती है, उसके पास लक्ष्मी जी अवश्य आती हैं।”
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पहले चुनावी रणनीतिकार (Election Strategist) रह चुके हैं और उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के प्रचार अभियान की रणनीति बनाई थी, जिसने भाजपा को जबरदस्त जीत दिलाई थी।
JDU ने लगाए थे फंडिंग को लेकर गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज (Jan Suraaj) की फंडिंग को लेकर JDU प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी को बेंगलुरु (Bengaluru) स्थित एक धर्मार्थ संगठन से फंडिंग मिल रही है।
नीरज कुमार ने यह भी दावा किया कि किशोर ने उसी संगठन को 50 लाख रुपये का दान दिया था और यह कर धोखाधड़ी (Tax Fraud) का मामला हो सकता है। इस पर जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा,“लोग पूछ रहे हैं कि प्रशांत किशोर इतना पैसा कहां से ला रहे हैं? अगर मेरा पैसा गलत स्रोत से आता तो क्या मैं खुलकर इसके बारे में बोलता?”
BJP पर भी साधा निशाना
पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “क्या सारा पैसा सिर्फ गुजरात (Gujarat) के युवाओं के पास ही जाएगा? बिहार (Bihar) के युवाओं के वोट से सत्ता मिली, लेकिन यहां के युवाओं को हमेशा सस्ते श्रम का स्रोत बना दिया गया। अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
किशोर ने आरोप लगाया कि बिहार के लोगों की मेहनत और वोट से सरकार बनती है, लेकिन आर्थिक लाभ गुजरात के युवाओं को मिलता है।
“मैंने कभी ठेकेदारी या राजनीति में पद नहीं लिया”
प्रशांत किशोर ने JDU और BJP के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मैंने कभी ठेकेदारी नहीं की, न कभी विधायक या सांसद बना। न ही मैं किसी सरकारी पद पर रहा और न ही किसी IAS या IPS पद पर। मेरे पास जो कुछ भी है, वह मेरी बुद्धि और मेहनत का नतीजा है।”
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने जन सुराज पार्टी के उन उम्मीदवारों का चुनावी खर्च (Election Expenses) उठाने का संकल्प लिया है जिनके पास खुद के संसाधन नहीं हैं।
प्रशांत किशोर का राजनीतिक सफर
प्रशांत किशोर ने अपना करियर 2012 में शुरू किया था, जब उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विधानसभा चुनाव प्रचार का प्रबंधन किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में BJP के प्रचार अभियान की रणनीति बनाने में भी उनकी अहम भूमिका थी, जिससे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने।
बाद में, उन्होंने कांग्रेस (Congress), तृणमूल कांग्रेस (TMC), AAP, DMK और JDU जैसी विभिन्न पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति तैयार की। लेकिन 2022 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और जन सुराज आंदोलन (Jan Suraaj Andolan) की शुरुआत की, जिससे उनकी पार्टी बनी।
क्या होगा आगे?
प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार में तेजी से राजनीतिक पकड़ बना रही है। JDU के आरोपों और प्रशांत किशोर के जवाब के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर इन विवादों के बीच अपनी पार्टी को किस दिशा में ले जाते हैं।