“प्रशांत किशोर ICU में भर्ती: भूख हड़ताल ने बिगाड़ी तबीयत, जानें क्या है हेल्थ अपडेट”

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Parshant Kishore in ICU

पटना (Patna), 07 जनवरी (The News Air): बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) अभ्यर्थियों के समर्थन में भूख हड़ताल पर गए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। उन्हें तत्काल मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर पिछले 5 दिनों से केवल पानी पर थे और उनकी सेहत लगातार खराब हो रही थी।

सोमवार की देर रात पटना पुलिस (Patna Police) ने गांधी मैदान से उन्हें गिरफ्तार किया था। जेल से रिहा होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनकी तबीयत और बिगड़ गई।

क्या है प्रशांत किशोर का हेल्थ अपडेट? : मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, प्रशांत किशोर की हालत स्थिर है। उनका ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट किया जा रहा है। डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी है। इस बीच प्रशांत किशोर के विरोधियों ने उनकी भूख हड़ताल को “राजनीतिक स्टंट” करार दिया है।

BPSC अभ्यर्थियों के लिए कर रहे थे भूख हड़ताल : प्रशांत किशोर पिछले 5 दिनों से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे। उनके अनुसार, परीक्षा प्रक्रिया में धांधली हुई है, और यह अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

बीपीएससी के समर्थन में गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में उनका प्रदर्शन चल रहा था। आधी रात को करीब 4 बजे पटना पुलिस की एक टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक, 10 से ज्यादा थानों की पुलिस इस ऑपरेशन में शामिल थी।

विपक्षी दलों ने बताया ‘ड्रामा’ : प्रशांत किशोर की हालत बिगड़ने और अस्पताल में भर्ती होने के बाद विपक्षी नेताओं ने इसे “राजनीतिक स्टंट” कहा है।
एक विपक्षी नेता ने कहा: “प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल और अस्पताल में भर्ती होना केवल जनता की सहानुभूति पाने का प्रयास है। यह एक सोची-समझी रणनीति है।” वहीं, प्रशांत किशोर के समर्थक इसे उनके साहस का प्रतीक मान रहे हैं।

कोर्ट में नहीं हो सकी गवाही: सोमवार को प्रशांत किशोर के मामले में पटना सिविल कोर्ट (Patna Civil Court) में गवाही पेश नहीं हो सकी। कोर्ट परिसर में प्रशांत किशोर के समर्थकों की भीड़ के चलते पुलिस ने किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी। अधिवक्ता अजय कुमार प्रसाद के अनुसार, उनके मुवक्किल की गवाही दर्ज नहीं हो पाई।

प्रशांत किशोर की हालत बिगड़ने से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। एक ओर उनके समर्थक उनकी लड़ाई को साहसिक कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इसे ड्रामा करार दे रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशांत किशोर की यह भूख हड़ताल BPSC अभ्यर्थियों के भविष्य में क्या बदलाव लाती है।

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