Pranita Venkatesh San Carlos Mayor बनने के साथ ही अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सफलता की कहानी में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है।
न्यूयॉर्क सिटी में जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत के बाद, अब कैलिफोर्निया के सैन कार्लोस शहर से एक और बड़ी खुशखबरी आई है। भारतीय मूल की प्रणिता वेंकटेश को सर्वसम्मति से सैन कार्लोस शहर का मेयर चुना गया है। फिजी में जन्मीं और भारत से गहरी जड़ें रखने वाली प्रणिता, शहर की सबसे युवा मेयरों में से एक हैं और उनकी यह उपलब्धि भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।
सर्वसम्मति से चुनी गईं मेयर
8 दिसंबर को सैन कार्लोस सिटी काउंसिल के सभी सदस्यों ने एकमत होकर प्रणिता वेंकटेश को मेयर चुना। यह शहर सिलिकॉन वैली के पास स्थित है और इसे ‘सिटी ऑफ गुड लिविंग’ भी कहा जाता है। प्रणिता की जीत इसलिए भी खास है क्योंकि वह न केवल भारतीय और दक्षिण एशियाई मूल की शुरुआती नेताओं में से एक हैं, बल्कि शहर की सबसे कम उम्र की मेयरों में भी उनका नाम शामिल हो गया है।
फिजी से कैलिफोर्निया तक का सफर
प्रणिता का जन्म फिजी में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। जब वह महज 4 साल की थीं, तब उनका परिवार अमेरिका आ गया था। उनकी पूरी पढ़ाई-लिखाई और परवरिश कैलिफोर्निया में ही हुई। उन्होंने नोट्रे डेम डी नामुर यूनिवर्सिटी से बैचलर्स और उसके बाद अर्ली चाइल्डहुड और क्लिनिकल साइकोलॉजी में मास्टर्स डिग्री हासिल की।
राजनीति से पहले समाज सेवा और व्यवसाय
राजनीति में कदम रखने से पहले, प्रणिता एक चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट के रूप में काम करती थीं और उन्होंने ईस्ट पैलो ऑल्टो में बच्चों की मानसिक सेहत सुधारने पर काफी काम किया। इसके अलावा, उन्हें प्राइवेट सेक्टर का भी अनुभव है और वह एक समय मैसीज (Macy’s) जैसी बड़ी कंपनी में बायर रह चुकी हैं। वर्तमान में, वह एक स्मॉल बिजनेस ओनर भी हैं और सैन कार्लोस में अपना खुद का मॉन्टेसरी प्रीस्कूल चलाती हैं।
प्राथमिकताएं: सुरक्षा, रोजगार और विकास
मेयर चुने जाने के दौरान, प्रणिता ने लोगों की सुरक्षा (Public Safety), बच्चों की देखभाल (Child Care), आर्थिक स्थिरता (Economic Stability), बुनियादी ढांचा (Infrastructure) और किफायती आवास (Affordable Housing) को अपनी प्रमुख प्राथमिकताएं बताया। मेयर बनने के बाद उन्होंने कहा कि वह आम लोगों और प्रशासन के बीच एक मजबूत पुल बनाना चाहती हैं। उन्होंने शहर की विविधता (Diversity) की तारीफ करते हुए कहा कि यह अपनी विरासत पर गर्व करने और दूसरों की संस्कृति का सम्मान करने का समय है।
विश्लेषण: प्रवासी समुदाय की बढ़ती ताकत का प्रतीक
एक अनुभवी पत्रकार की नजर से देखें तो प्रणिता वेंकटेश की जीत सिर्फ एक चुनावी सफलता नहीं है। यह अमेरिका में प्रवासी समुदायों, विशेषकर भारतीय और फिजी मूल के लोगों की बढ़ती राजनीतिक और सामाजिक ताकत का प्रतीक है। एक चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट और छोटे स्कूल की संचालिका का मेयर की कुर्सी तक पहुंचना यह दर्शाता है कि अमेरिकी समाज में अब जमीनी स्तर पर काम करने वाले और समुदाय से जुड़े लोगों को नेतृत्व के लिए स्वीकार किया जा रहा है। उनकी जीत यह साबित करती है कि मेहनत, समाज सेवा और सही विजन के साथ कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी जड़ें कहीं भी हों, अमेरिका में नेतृत्व की बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकता है।
जानें पूरा मामला
यह खबर कैलिफोर्निया के सैन कार्लोस शहर से है, जहां भारतीय मूल की प्रणिता वेंकटेश को सर्वसम्मति से मेयर चुना गया है। इससे पहले नवंबर में, जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क सिटी के मेयर बने थे। प्रणिता 2022 में पहली बार सिटी काउंसिल की सदस्य बनी थीं और इससे पहले वह शहर के आर्थिक विकास आयोग में भी काम कर चुकी हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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Pranita Venkatesh कैलिफोर्निया के सैन कार्लोस शहर की मेयर चुनी गई हैं।
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उनका जन्म फिजी में हुआ था और वह भारतीय मूल की हैं।
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उन्हें सिटी काउंसिल के सभी सदस्यों ने एकमत से मेयर चुना।
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राजनीति में आने से पहले वह एक चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट थीं और अपना स्कूल चलाती हैं।
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उनकी प्राथमिकताओं में पब्लिक सेफ्टी, चाइल्ड केयर और अफोर्डेबल हाउसिंग शामिल हैं।






