The News Air: पंजाब में बिजली संकट बढ़ गया है। क़रीब 46 डिग्री टेंपरेचर के बावज़ूद 12 घंटे तक कट लग रहे हैं। सड़क से खेत तक बिजली कटौती की मार पड़ रही है। शहरों में 4 से 5 तो गांवों में 10 से 12 घंटे के कट झेलने पड़ रहे हैं। इसको लेकर अब AAP सरकार के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ETO ने सफ़ाई दी है। उन्होंने कहा कि पिछली चन्नी (कांग्रेस) सरकार इस सीजन के लिए कोई प्रबंध करके नहीं गई। पिछले साल के मुक़ाबले बिजली की मांग 40% बढ़ी है। ऐसे में 24 घंटे बिजली के लिए कोशिश की जा रही है।
9 हज़ार मेगावाट पहुँची मांग, डिमांड-सप्लाई में 1200MW का अंतर
पंजाब में बिजली की मांग 9 हज़ार मेगावाट तक पहुंच चुकी है। 5 थर्मल प्लांटों के 4 यूनिटों में ख़राबी की वजह से संकट गहरा गया। डिमांड और सप्लाई में क़रीब 1200 मेगावाट का अंतर आ गया। 4 साल में यह पहली बार है, जब इन दिनों में इतनी मांग हुई हो। हालांकि बिजली मंत्री ने कहा कि 26 अप्रैल को तकनीकी नुक़्स की वजह से 800 मेगावाट के तलवंडी और रोपड़ थर्मल प्लांट बंद हो गए थे। जिस वजह से राज्य में बिजली सप्लाई प्रभावित हुई। इसे जल्दी ठीक कर लिया जाएगा।
सिर्फ़ पंजाब नहीं, पूरे देश में संकट, CM मॉनीटर कर रहे
बिजली मंत्री हरभजन सिंह ETO ने कहा कि पिछले साल के मुक़ाबले इस बार बिजली की मांग 40% बढ़ी है। यह संकट पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है। CM भगवंत मान पूरी स्थिति को मॉनीटर कर रहे हैं। 75 सालों तक पंजाब में पुरानी सरकारों ने बिजली व्यवस्था और थर्मल प्लांटों की बुरी हालत कर दी। उनके सिस्टम में कोई सुधार नहीं किया गया।