बेंगलुरु 24 मार्च (The News Air)– केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक कांग्रेस पार्टी की ओर से लगाए गए आरोपों के विपरीत केंद्र सरकार कर्नाटक को धन देने में समय पर और उदार रही है। दरअसल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि पानी की कमी से जूझ रहे राज्य को केंद्र सरकार से धन नहीं मिल रहा है। केंद्र से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) जारी करवाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सीतारमण ने विशिष्ट आंकड़े प्रदान करके अपने आरोपों का समर्थन किया, जिसमें विशेषकर कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल की तुलना में कर्नाटक को कर हस्तांतरण और सहायता अनुदान में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी। सीतारमण ने कहा,“केंद्र सरकार की ओर से कर्नाटक को देय एक-एक पैसा राज्य सरकार को दिया गया है और समय पर दिया गया है। वर्ष 2014 से 2024 तक कर हस्तांतरण में 258 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो संप्रग के 10 वर्षों की तुलना में 3.5 गुना अधिक है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा,“राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान में 273 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो यूपीए सरकार द्वारा दिए गए अनुदान से 3.7 गुना अधिक है। वर्ष 2004 से 2014 के बीच, कर्नाटक को प्रति वर्ष टैक्स रिटर्न के रूप में 81,795 करोड़ रुपये दिए गए। वर्ष 2014 से 2024 के बीच राज्य को भुगतान किया गया कर हस्तांतरण लगभग 2.93 लाख करोड़ रुपये है।”
सीतारमण ने सरकारी फंडिंग के बारे में चर्चा में तथ्यात्मक सटीकता के महत्व पर भी जोर दिया और आलोचकों से आरोप लगाने से पहले डेटा की जांच करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने न केवल कर्नाटक के प्रति अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा किया है, बल्कि राज्य को समर्थन के पिछले स्तरों को भी पार कर लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा,“कोई भी यह दावा नहीं कर रहा है कि हमने इतना या कुछ भी दिया है, लेकिन गलत तरीके से आरोप लगाना और दोषारोपण करना कि आप कर्नाटक को पैसे नहीं दे रहे हैं, मुझे इसपर खेद है। कृपया आंकड़ों को देखें, तारीखों को देखें जब पैसा मिल गया है, और फिर हमें कुछ खास और सही बताएं ताकि मैं जवाब दे सकूं।” सीतारमण ने कहा,“जब उन्होंने इसे समय पर दिया है और कभी-कभी समय से पहले दिया है, तो यह कहकर लोगों को गुमराह करना कि पैसा नहीं आ रहा है, बिल्कुल भी जिम्मेदार वक्तव्य नहीं है।”
वहीं कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ‘हमने राज्य को सूखा राहत निधि के वितरण में देरी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ ये याचिका दायर की है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सूखे की स्थिति पर मंत्रिस्तरीय टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के पांच महीने बाद भी केंद्र ने धनराशि जारी नहीं की है।