नई दिल्ली, 04 जनवरी (The News Air) देश के प्रसिद्ध न्यूक्लियर साइंटिस्ट और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के महानायक डॉ. आर चिदंबरम का शनिवार को मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया। 88 वर्षीय चिदंबरम ने तड़के 3:20 बजे अंतिम सांस ली। उनका जन्म 11 नवंबर 1936 को चेन्नई में हुआ था और वह भारतीय परमाणु विज्ञान में क्रांति लाने वाले वैज्ञानिकों में अग्रणी थे।
पोखरण परीक्षणों के नायक : डॉ. चिदंबरम को 1974 में पोखरण-I और 1998 में पोखरण-II परमाणु परीक्षणों के प्रमुख वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने इन परीक्षणों के दौरान भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी आत्मकथा “इंडिया राइजिंग: मेमोयर ऑफ ए साइंटिस्ट” में उन्होंने खुलासा किया था कि 1974 में उन्होंने सैन्य ट्रक के माध्यम से प्लूटोनियम को बॉम्बे से पोखरण तक पहुंचाया। ये परीक्षण देश की वैज्ञानिक क्षमताओं का गुप्त लेकिन गौरवशाली अध्याय हैं।
शानदार करियर : डॉ. चिदंबरम ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के निदेशक, परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के सचिव के रूप में कार्य किया। वह अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष भी रहे।
उनके योगदान के लिए उन्हें 1975 में पद्म श्री और 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
श्रद्धांजलि : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, “भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग का नेतृत्व करने वाले और दो ऐतिहासिक परमाणु परीक्षणों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डॉ. चिदंबरम का जाना देश के लिए बड़ी क्षति है।”