Pradhan Mantri MUDRA Yojana Loan Update : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Yojana – PMMY) के तहत नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने एक बड़ा ऐलान किया है, जिससे लाखों युवाओं और छोटे कारोबारियों को सीधा फायदा मिलने वाला है। योजना के अंतर्गत अब 20 लाख रुपये तक का कोलेटरल-फ्री (Collateral-Free) लोन मिलेगा। यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 23 जुलाई 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) में की थी, और नई सीमा 24 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हो चुकी है। इससे पहले मुद्रा योजना के तहत कम रकम का लोन मिलता था, लेकिन अब नई सीमा के साथ कारोबारियों के लिए अवसर बढ़ गए हैं।
चार अलग-अलग कैटेगरी में बांटी गई योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) को चार प्रमुख कैटेगरी में बांटा गया है – ‘शिशु’ (Shishu), ‘किशोर’ (Kishore), ‘तरुण’ (Tarun) और ‘तरुण प्लस’ (Tarun Plus)।
शिशु (Shishu) कैटेगरी के तहत 50,000 रुपये तक का लोन मिलता है।
किशोर (Kishore) कैटेगरी में 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध है।
तरुण (Tarun) कैटेगरी के अंतर्गत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है।
तरुण प्लस (Tarun Plus) में अब 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है।
किन बैंकों से मिल सकता है लोन
मुद्रा योजना के तहत सदस्य ऋणदाता संस्थानों (MLI) जैसे अनुसूचित कॉमर्शियल बैंक (Scheduled Commercial Banks), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks – RRB), लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks – SFB), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और सूक्ष्म वित्त संस्थान (Micro Finance Institutions – MFIs) से जमानत-मुक्त ऋण (Collateral-Free Loan) प्राप्त किया जा सकता है। इससे छोटे व्यवसाय शुरू करने वालों को बिना भारी कागजी प्रक्रिया के सीधा फायदा मिलता है।
10 सालों में मुद्रा योजना का असर
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत लगभग दस साल पहले हुई थी और अब तक इस योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते (Loan Accounts) खोलने में मदद की है। इस योजना के माध्यम से देश में उद्यमशीलता (Entrepreneurship) को बड़ा बढ़ावा मिला है। वर्ष 2016 में जहां किशोर कैटेगरी के लोन की हिस्सेदारी 5.9 प्रतिशत थी, वहीं वित्त वर्ष 2025 तक यह बढ़कर 44.7 प्रतिशत हो गई है।
इसके अलावा, मुद्रा योजना के कुल लाभार्थियों में 68 प्रतिशत महिलाएं (Women Beneficiaries) हैं, जो महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में एक बड़ा कदम है। वित्त वर्ष 2016 से 2025 के बीच प्रति महिला लाभार्थी के लिए औसत वितरण राशि 13 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ 62,679 रुपये तक पहुंच गई है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आज भी छोटे व्यवसायियों के लिए एक मजबूत आधार बनकर उभर रही है और आने वाले समय में भी लाखों लोगों को आर्थिक स्वतंत्रता देने का कार्य करेगी।