PM Modi 5 Nation Foreign Visit को लेकर एक बड़ा कूटनीतिक एजेंडा सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई महीने की शुरुआत में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और पश्चिम एशिया के पांच देशों का दौरा करने वाले हैं। इस यात्रा में उनका मोरक्को (Morocco), अर्जेंटीना (Argentina), ब्राजील (Brazil), त्रिनिदाद और टोबैगो (Trinidad and Tobago) तथा जॉर्डन (Jordan) जाना प्रस्तावित है। इस रणनीतिक दौरे का मुख्य उद्देश्य Global South में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत करना और हालिया पहलगाम (Pahalgam) आतंकी हमले के बाद एक व्यापक आतंकवाद विरोधी गठबंधन की नींव रखना है।
यात्रा का पहला पड़ाव मोरक्को (Morocco) होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी मोरक्को के राजा मोहम्मद VI से राबात (Rabat) में मुलाकात करेंगे। यह दौरा काफी समय से चर्चा में था, लेकिन कार्यक्रमों के टकराव के चलते अब जाकर इसे अंतिम रूप दिया गया है। मोरक्को उत्तर अफ्रीका का एक प्रमुख देश है, जिसकी पकड़ पश्चिम अफ्रीका और दक्षिणी यूरोप में मजबूत है।
इसके बाद मोदी अर्जेंटीना (Argentina) का दौरा करेंगे। यह देश भारत के लिए खनिज, कृषि और रक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण साझेदार रहा है। ब्यूनस आयर्स (Buenos Aires) में उनकी उपस्थिति भारत-अर्जेंटीना रिश्तों को नई दिशा दे सकती है, खासकर ऐसे समय में जब भारत वैश्विक दक्षिण (Global South) में नई साझेदारियां बना रहा है।
तीसरा अहम पड़ाव ब्राजील (Brazil) है, जहां 6-7 जुलाई को रियो डी जनेरियो (Rio de Janeiro) में BRICS शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping), दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, UAE, मिस्र और इथियोपिया जैसे देशों के प्रमुखों से मिलेंगे। सम्मेलन के दौरान वैश्विक शासन सुधार, जलवायु परिवर्तन, AI, हेल्थकेयर और वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
इसके बाद पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो (Trinidad and Tobago) की यात्रा करेंगे, जो भारत के लिए खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। इस दौरे से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूती मिलेगी और भारतीय डायस्पोरा को जोड़ने का एक बड़ा अवसर मिलेगा।
अंत में प्रधानमंत्री जॉर्डन (Jordan) पहुंचेंगे, जहां वह आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक सहयोग पर चर्चा करेंगे। पश्चिम एशिया में भारत की भूमिका को और प्रबल करने के लिए यह दौरा निर्णायक साबित हो सकता है। खासकर हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता की अपील कर रहा है, जिसमें समान विचारधारा वाले देशों को जोड़ा जाएगा।
यह दौरा प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की परिपक्वता और वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, रक्षा और AI जैसे विषयों पर बहुपक्षीय सहयोग इस यात्रा का मुख्य एजेंडा रहेगा। यह कूटनीतिक पहल भारत को Global South में एक विश्वसनीय और निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।






