Operation Sindoor: भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी ढांचे पर करारा वार करते हुए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए तीन अहम रणनीतिक लक्ष्य हासिल किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में इस ऑपरेशन ने सैन्य, राजनैतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर पाकिस्तान को हिला कर रख दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के तीन बड़े लक्ष्य:
पहला लक्ष्य सैन्य था। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि “मिट्टी में मिला देंगे” – और भारत ने वही किया। बहावलपुर (Bahawalpur), मुरीदके (Muridke) और मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) में स्थित जैश (Jaish) और लश्कर (Lashkar) के आतंकवादी कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया और कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
दूसरा लक्ष्य था राजनैतिक। भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को आतंकवाद से जोड़ा और स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद नहीं रोकता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी। यह भारत की कूटनीतिक सख्ती को दर्शाता है।
तीसरा लक्ष्य था मनोवैज्ञानिक। “घुस के मारेंगे” की नीति के तहत भारत ने पाकिस्तान के सैन्य और खुफिया ढांचे को स्पष्ट संकेत दिया कि अब भारत छोटे आतंकी अड्डों को निशाना नहीं बनाएगा, बल्कि सीधे उनके मुख्यालय (Headquarters) पर हमला करेगा।
पाकिस्तान को सख्त संदेश:
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने उन आतंकी शिविरों पर हमला किया जिनका सीधा संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से था। इससे यह संदेश गया कि भारत अब न तो सहन करेगा और न ही पीछे हटेगा। भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि वह आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच फर्क करता है, लेकिन आतंकी कार्रवाई पर कोई समझौता नहीं होगा।
कश्मीर और मध्यस्थता पर भारत का रुख:
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने कश्मीर (Kashmir) को लेकर अपना स्टैंड एक बार फिर दोहराया है – भारत को किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है। अब केवल एक ही मुद्दा बचा है, और वह है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी। इसके अलावा भारत किसी भी बातचीत में दिलचस्पी नहीं रखता।
भारत की सैन्य तकनीक और ताकत:
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह भी स्पष्ट कर दिया कि सैन्य और तकनीकी दृष्टि से पाकिस्तान उसके सामने कहीं नहीं टिकता। भारत ने जहां समय और स्थान चुनकर हमला किया, वहीं पाकिस्तान के जवाबी हमलों को भी नाकाम कर दिया। इससे पाकिस्तान को भी यह समझ में आ गया कि वह भारत से पार नहीं पा सकता।






