PM Modi Letter on Constitution Day के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए एक बेहद महत्वपूर्ण और विस्तृत पत्र लिखा है। इस पत्र में प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों को एक नई दिशा देने की कोशिश की है, जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए हमें अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना होगा।
यह पत्र सिर्फ एक संदेश नहीं, बल्कि आने वाले भारत की एक तस्वीर है, जिसमें हर नागरिक की भूमिका तय की गई है।
‘कर्तव्य ही लोकतंत्र की असली ताकत’
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि एक गरीब परिवार से आने वाला साधारण व्यक्ति आज अगर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा है, तो यह केवल भारतीय संविधान की शक्ति का ही प्रमाण है। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के विचारों को याद करते हुए कहा कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों के पालन से ही जन्म लेते हैं। जब हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाते हैं, तो देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है।
युवाओं और नए मतदाताओं के लिए खास अपील
इस पत्र में प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं, विशेषकर पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं (First Time Voters) के लिए एक बहुत बड़ा सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक पवित्र कर्तव्य है।
उन्होंने सुझाव दिया कि हर साल संविधान दिवस (26 नवंबर) पर स्कूलों और कॉलेजों में उन युवाओं का विशेष सम्मान किया जाए, जो 18 वर्ष के होकर पहली बार मतदाता बने हैं। इससे युवाओं में लोकतंत्र के प्रति गर्व और जिम्मेदारी का भाव पैदा होगा, जो राष्ट्र को मजबूत बनाएगा।
संविधान और जम्मू-कश्मीर का जिक्र
प्रधानमंत्री ने इस साल को संविधान दिवस के लिए बेहद खास बताया। उन्होंने लिखा कि यह वर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का वर्ष है। सरदार पटेल की वजह से ही भारत का राजनीतिक एकीकरण संभव हुआ।
इसी प्रेरणा से सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया। उन्होंने गर्व के साथ लिखा कि आज वहां पूरी तरह से भारतीय संविधान लागू है और वहां के लोगों को अब वे सभी संवैधानिक अधिकार मिल रहे हैं, जो पहले नहीं मिलते थे।
गौरव यात्रा और ऐतिहासिक पल
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए पीएम मोदी ने 2010 का एक किस्सा साझा किया। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब संविधान के 60 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने ‘संविधान गौरव यात्रा’ निकाली थी। उस समय संविधान की प्रति को एक हाथी पर रखकर पूरे राज्य में घुमाया गया था, जो संविधान के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि देश अब आजादी के 100 वर्ष (2047) और संविधान के 100 वर्ष (2049) की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में आज लिए गए फैसले आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेंगे।
मुख्य बातें (Key Points)
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प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस पर नागरिकों से कर्तव्यों को प्राथमिकता देने की अपील की।
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स्कूलों-कॉलेजों में 18 साल के नए मतदाताओं को सम्मानित करने का सुझाव दिया।
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अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में संविधान के पूर्ण लागू होने को बड़ी उपलब्धि बताया।
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पीएम ने कहा कि गरीब का बेटा पीएम बना, यह संविधान की ही ताकत है।






