Delhi DTC Pink Saheli Card News – दिल्ली की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा अब पूरी तरह बदलने वाली है। साल 2026 की शुरुआत के साथ ही डीटीसी (DTC) बसों में मिलने वाला गुलाबी टिकट (Pink Ticket) इतिहास बन जाएगा। दिल्ली सरकार ने पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ‘पिंक सहेली कार्ड’ (Pink Saheli Card) नामक एक नया स्मार्ट कार्ड लॉन्च करने की तैयारी कर ली है। इसका मतलब साफ है—अगर आपके पास यह कार्ड नहीं है, तो आपको बस में फ्री सफर की सुविधा नहीं मिलेगी और टिकट खरीदना पड़ेगा।
क्या है ‘पिंक सहेली कार्ड’?
पिंक सहेली कार्ड एक स्मार्ट कार्ड है जो ‘नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड’ (NCMC) के ढांचे पर आधारित है। यह मेट्रो कार्ड की तरह काम करेगा। जब आप बस में चढ़ेंगे, तो कंडक्टर आपकी इलेक्ट्रॉनिक मशीन पर इस कार्ड को टैप करेगा, जिससे आपकी यात्रा का डिजिटल रिकॉर्ड बन जाएगा। यह कार्ड न केवल डीटीसी, बल्कि क्लस्टर बसों में भी मान्य होगा। खास बात यह है कि इसे अन्य सेवाओं के लिए सामान्य स्मार्ट कार्ड की तरह रिचार्ज भी कराया जा सकेगा।
सिर्फ दिल्ली की महिलाओं को मिलेगा लाभ
सरकार ने इस कार्ड के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं ताकि योजना का लाभ केवल दिल्ली की वास्तविक निवासी महिलाओं को ही मिले।
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योग्यता: आवेदक महिला का दिल्ली का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
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दस्तावेज: दिल्ली के पते वाला आधार कार्ड (Aadhaar Card) या कोई अन्य वैध पहचान पत्र जरूरी होगा।
- उम्र सीमा: कार्ड बनवाने के लिए न्यूनतम उम्र 12 वर्ष तय की गई है।
दिल्ली के बाहर से आने वाली महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगी, जिससे सिस्टम का दुरुपयोग रुकेगा।
कार्ड कैसे और कहां बनेगा?
सरकार ने कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए दो निजी एजेंसियों को नियुक्त किया है। महिलाएं निम्नलिखित जगहों से अपना कार्ड बनवा सकेंगी:
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जिला मजिस्ट्रेट और उप-जिलाधिकारी (SDM) कार्यालय।
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बस डिपो (Bus Depots)।
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कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)।
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ऑनलाइन: सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और ‘सहेली कार्ड पोर्टल’ पर ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी दी जाएगी।
विश्लेषण: पारदर्शिता की ओर एक स्मार्ट कदम (Expert Analysis)
‘पिंक टिकट’ सिस्टम में सबसे बड़ी खामी यह थी कि इसका कोई ठोस डिजिटल रिकॉर्ड नहीं था। कई बार टिकटों के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े की खबरें आती थीं। ‘पिंक सहेली कार्ड’ इस समस्या का तकनीकी समाधान है। इससे सरकार के पास सटीक डेटा होगा कि वास्तव में कितनी और कौन सी महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं। यह कदम ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में भी एक सकारात्मक पहल है। हालांकि, शुरुआत में उन महिलाओं को थोड़ी परेशानी हो सकती है जो तकनीक से ज्यादा परिचित नहीं हैं या जिनके पास दिल्ली का एड्रेस प्रूफ नहीं है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्ड बनवाने की प्रक्रिया सुगम हो और लंबी लाइनें न लगें।
आम महिलाओं पर असर (Human Impact)
हर महीने करीब 2 करोड़ महिलाएं दिल्ली की बसों में फ्री सफर करती हैं। नई व्यवस्था से उन्हें बार-बार टिकट लेने के झंझट से मुक्ति मिलेगी, बस एक टैप और सफर शुरू। लेकिन, जिनके पास अभी तक दिल्ली का आधार कार्ड नहीं है, उनके लिए मुफ्त सफर का दरवाजा बंद हो सकता है।
जानें पूरा मामला (Background)
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अक्टूबर 2019 में भाई दूज के मौके पर महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना शुरू की थी। अब तक महिलाओं को कंडक्टर से एक गुलाबी रंग का सिंगल जर्नी पास (पिंक टिकट) लेना पड़ता था, जिसका खर्च सरकार उठाती है। अब 2026 से इसे डिजिटल कार्ड में अपग्रेड किया जा रहा है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और खिलाड़ियों के पास भी स्मार्ट कार्ड में बदले जाएंगे।
मुख्य बातें (Key Points)
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DTC Bus में अब पिंक टिकट की जगह Pink Saheli Card अनिवार्य होगा।
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यह नियम 2026 की शुरुआत से लागू होने की संभावना है।
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केवल Delhi की निवासी महिलाएं (जिनके पास दिल्ली का आधार है) ही इसके लिए पात्र होंगी।
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कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
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जिनके पास कार्ड नहीं होगा, उन्हें सामान्य यात्रियों की तरह Ticket खरीदना पड़ेगा।






