Aircraft Safety System को लेकर एयरलाइंस में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। हाल ही में अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए एयर इंडिया (Air India) विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दुर्घटना की मुख्य वजह फ्यूल स्विच (Fuel Switch) में गड़बड़ी को बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार रन मोड से कटऑफ मोड में फ्यूल स्विच को कुछ सेकंड्स में शिफ्ट कर दिया गया, जिससे विमान का इंजन बंद हो गया।
जैसे ही यह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, एतिहाद एयरलाइंस (Etihad Airways) ने तत्काल एक बुलेटिन जारी किया। 12 जुलाई को जारी इस निर्देश में पायलटों से कहा गया कि वे फ्यूल कंट्रोल स्विच या उसके आस-पास के किसी अन्य कंट्रोल को ऑपरेट करते समय पूरी सतर्कता बरतें। यह चेतावनी केवल सुरक्षा के लिहाज से दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसी कोई दुर्घटना न हो।
सावधानी के तहत एतिहाद (Etihad) ने अपने बोइंग 787 (Boeing 787) विमानों में फ्यूल कंट्रोल लॉकिंग सिस्टम (Fuel Control Locking System) की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। पायलटों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे कॉकपिट के पैडस्टल पर कोई भी वस्तु न रखें जिससे अनजाने में कोई स्विच एक्टिवेट न हो जाए। इसके साथ ही ऑनबोर्ड क्रू को किसी भी अजीब हरकत या तकनीकी गड़बड़ी की तुरंत रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया है।
इस बीच दक्षिण कोरिया (South Korea) की सरकार भी अलर्ट हो गई है। वहां के लैंड, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय (Ministry of Land, Infrastructure and Transport) ने आदेश दिया है कि देश की सभी एयरलाइंस अपने बोइंग विमानों (Boeing Aircrafts) में फ्यूल कंट्रोल स्विच की विशेष जांच करें। हालांकि इस आदेश के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
गौर करने वाली बात यह है कि फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (Federal Aviation Administration – FAA) पहले ही बोइंग के फ्यूल स्विच को लेकर चेतावनी दे चुका था। FAA की रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया था कि बोइंग 787 (Boeing 787) में यह एक ज्ञात समस्या है और सभी एयरलाइनों को इसके प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। बावजूद इसके, एयर इंडिया (Air India) के हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसका परिणाम एक बड़ी दुर्घटना के रूप में सामने आया।
अब जब एयरलाइंस इस खतरे को लेकर और अधिक सतर्क हो गई हैं, तो उम्मीद है कि सुरक्षा मानकों में और सुधार किया जाएगा। सभी एयरलाइंस द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदम भविष्य की उड़ानों को सुरक्षित बनाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।