Pigeon Feeding Fine in Mumbai News – मुंबई में कबूतरों को दाना डालना एक पुण्य का काम माना जाता है, लेकिन दादर के एक व्यापारी के लिए यही काम मुसीबत का सबब बन गया। दादर निवासी नितिन शेठ को कबूतरों को दाना डालने की आदत महंगी पड़ गई और उन्हें अदालत के चक्कर काटने पड़े। एक प्रतिबंधित जगह पर कबूतरों को दाना डालने के मामले में अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 5000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला इसलिए भी चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि देश में इस तरह की सजा पहली बार सुनाई गई है, जो अपने आप में एक नजीर है।
शिकायत के बाद पुलिस ने दर्ज किया था मामला
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब स्थानीय निवासियों ने नितिन शेठ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लोगों का आरोप था कि नितिन शेठ द्वारा कबूतरों को दाना डालने से गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि जिस जगह पर दाना डाला जा रहा था, वह प्रतिबंधित क्षेत्र था और वहां दाना डालने से आसपास के रहवासियों को परेशानी हो रही थी।
अदालत का ऐतिहासिक फैसला
मामला अदालत तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि कबूतरों की बीट (Droppings) से कई तरह की सांस संबंधी बीमारियां फैलने का खतरा रहता है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों में। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नितिन शेठ को दोषी पाया और उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया। यह फैसला उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो सार्वजनिक स्वच्छता और दूसरों की सेहत की परवाह किए बिना कहीं भी पक्षियों को दाना डालते हैं।
विश्लेषण: आस्था और नागरिक जिम्मेदारी में संतुलन (Expert Analysis)
मुंबई जैसे घनी आबादी वाले शहर में कबूतरों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कबूतरों की बीट से ‘हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस’ (Hypersensitivity Pneumonitis) जैसी फेफड़ों की बीमारी हो सकती है। नितिन शेठ का मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारी आस्था या दया भाव दूसरों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है? यह फैसला नागरिक जिम्मेदारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह समझने की जरूरत है कि पशु-पक्षियों की सेवा के लिए निर्धारित स्थानों का ही उपयोग किया जाना चाहिए।
जानें पूरा मामला (Background)
नितिन शेठ दादर इलाके में रहते हैं और एक व्यापारी हैं। उन्हें नियमित रूप से कबूतरों को दाना डालने की आदत थी। हालांकि, उनकी इस आदत से उनकी सोसाइटी और आसपास के लोग परेशान थे। बार-बार मना करने के बावजूद जब उन्होंने दाना डालना बंद नहीं किया, तो मामला पुलिस थाने और फिर कोर्ट तक पहुंच गया।
मुख्य बातें (Key Points)
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Mumbai के दादर इलाके के व्यापारी नितिन शेठ पर लगा 5000 रुपये का जुर्माना।
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Pigeon Feeding के कारण अदालत ने सुनाई सजा, देश में ऐसा पहला मामला बताया जा रहा है।
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प्रतिबंधित जगह पर दाना डालने से Health Hazards और गंदगी की शिकायत थी।
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पुलिस ने स्थानीय निवासियों की शिकायत पर FIR दर्ज की थी।
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यह फैसला सार्वजनिक स्वच्छता और Civic Sense के लिए एक मिसाल है।






