Hyderabad में फिजियोथेरेपिस्ट ने गर्लफ्रेंड के साथ रहने के लिए पत्नी के साथ उठाया खौफनाक कदम,

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हैदराबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पेशे से एक फिजियोथेरेपिस्ट ने अपनी पत्नी और दो छोटी बेटियों को मौत के घाट उतार दिया है। आरोपी युवक ने अपनी गर्लफ्रेंड के कहने पर ये कदम उठाया है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी लगभग 45 दिनों तक फरार रहा था।

आरोपी 32 वर्षीय बोदा प्रवीण घटना को अंजाम के बाद कई दिनों तक अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आराम से सामान्य जीवन जीता रहा। पुलिस ने छानबीन करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। प्रवीण ने कथित तौर पर 28 मई को अपनी गर्लफ्रेंड सोनी फ्रांसिस के कहने पर अपनी पत्नी कुमारी (29) और बेटियों कृषिका (5) और कृतिका (3) की हत्या कर दी थी। आरोपी युवक ने इस हत्या को एक कार दुर्घटना का रूप दिया। उसने अपनी पत्नी को उच्च खुराक वाला एनेस्थेटिक इंजेक्शन देकर मार डाला, जिसका नाम पुलिस ने दुरुपयोग के डर से गुप्त रखा है। इसके बाद उसने कार की अगली सीट पर अपनी दो बेटियों की नाक और मुंह बंद करके और उनका दम घोंटकर हत्या कर दी।

घटना के 48 दिन बाद पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। खम्मम जिले के रघुनाथपालम पुलिस स्टेशन के एसएचओ कोंडल राव का कहना है कि प्रवीण मामूली चोटों के इलाज के लिए अस्पताल में थे। वो घटना के बाद सामान्य जीवन जी रहा था और हैदराबाद लौट आया था। अधिकारी के मुताबिक शुरुआत में हमें कुमारी के शरीर पर सुई के निशान देखकर संदेह हुआ। कुमारी और बच्चों के शरीर पर कोई और चोट के निशान नहीं पाए गए। पोस्टमॉर्टम के बाद हमने शव उनके परिजनों को सौंप दिए। उसी दिन एक जांच दल ने अपराध स्थल का दौरा किया। दुर्घटना उतनी गंभीर नहीं थी, जितनी प्रवीण ने बताई थी। हमने पूरी कार की तलाशी ली और उसमें एक सिरिंज मिली। सिरिंज खाली था, जिसे हमने एक सुराग के तौर पर उपयोग किया। ये जानकारी एसएचओ कोंडल राव ने न्यूज़18 को दी है।

पुलिस ने आगे की जांच के लिए सिरिंज को फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेज दिया। इस बीच, प्रवीण हैदराबाद के अट्टापुर इलाके में जर्मनटेन अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में काम करते हुए सामान्य जीवन जीता रहा। सूत्रों ने बताया कि प्रवीण घटना के बाद कई दिनों तक अपनी गर्लफ्रेंड सोनी फ्रांसिस, जो उसी अस्पताल में नर्स है के साथ अलग किराए के मकान में रह रहा था। आरोपी प्रवीण को अपने किए पर किसी तरह का कोई पछतावा नहीं था।

अधिकारी ने बताया कि प्रवीण को लगा कि वह पूरी तरह सुरक्षित है क्योंकि हमने उसे लगभग 45 दिनों तक फोन भी नहीं किया। उसे लग रहा था कि वे इस मामले से बाहर हैं, क्योंकि हमने शुरू में इसे दुर्घटना का मामला मानकर दर्ज किया था। फोरेंसिक रिपोर्ट में जैसे ही सिरिंज की जानकारी सामने आई पुलिस की टीम ने उसे हैदराबाद के अट्टापुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ की जहां उसने सब उगल दिया।

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