चंडीगढ़, 6 नवंबर (The News Air)
शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के कार्यकर्ता पंजाब (Punjab) के चंडीगढ़ में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) भी मौजूद हैं. पुलिस ने अकाली दल के कार्यकर्ताओं (Akali Dal Workers) को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई है.
सीएम चन्नी पर राजनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक
सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट किया कि आज अकाली कार्यकर्ताओं ने सीएम चन्नी पर राजनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक की है. विधायकों के फ्लैट्स की घेराबंदी और बैरिकेडिंग के बावज़ूद घेराव सफल रहा. सीएम चन्नी को अकाली कार्यकर्ताओं ने साफ़ संदेश दे दिया है कि फ़ोटो खिंचवाना बंद करें और वादे पूरे करें.
अकाली कार्यकर्ताओं पर बरसाईं लाठियां- बादल
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा कि ये भ्रष्ट कांग्रेस सरकार और इसका मुख्यमंत्री जो केवल लूट में दिलचस्पी रखता है, ने अकाली कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाईं जो शांतिपूर्ण तरीक़े से किसानों की आवाज़ उठा रहे थे. हमारी मांग है कि कपास उगाने वाले किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवज़ा और पेट्रोल-डीज़ल पर राज्य वैट में 10 रुपये प्रति लीटर कम करे.
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पिंक बॉलवार्म की वजह से कपास की फ़सल बर्बाद हो गई है लेकिन कपास उगाने वाले किसानों को अभी तक मुआवज़ा नहीं मिला है. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी बार-बार दिल्ली जाने के बजाय पंजाब पर ध्यान दें.
पंजाब में पड़ोसी राज्यों से महंगा है पेट्रोल
केंद्र सरकार ने देशभर में पेट्रोल के दाम पांच रुपये और डीज़ल के दाम 10 रुपये कम कर एक तोहफ़ा दिया है। केंद्र सरकार का यह तोहफ़ा पंजाब के पेट्रोल पंप मालिकों पर भारी पड़ गया है। दरअसल, पंजाब में पेट्रोल और डीज़ल पर वैट ज़्यादा होने के कारण पड़ोसी प्रदेश हिमाचल, हरियाणा और चंडीगढ़ की अपेक्षा यहां क़ीमतें अधिक हैं।
इसका नतीजा यह निकला है कि सीमा पर सटे पेट्रोल पंप से तेल लेने की जगह लोग दूसरे प्रदेशों का रूख कर रहे है। पंजाब के मुक़ाबले चंडीगढ़ में पेट्रोल 11.64 रुपये लीटर सस्ता है। हिमाचल में 11.57 रुपये और हरियाणा में 10.60 रुपये सस्ता है।
अगर पंजाब सरकार ने जल्द अपने वैट को कम नहीं किया तो आने वाले दिनों में सीमाओं से सटे पेट्रोल पंप ठप होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। अगर सरकार ने जल्द इस मामले पर फ़ैसला नहीं लिया तो पंजाब के ख़ज़ाने पर भी इसका असर देखने को मिलेगा क्योंकि ज़्यादातर लोग पंजाब की जगह पड़ोसी प्रदेशों का रूख करने लगे हैं।