Home Loan: भारत में ‘अपना घर’ होना करोड़ों लोगों का सिर्फ सपना नहीं, बल्कि एक जज्बात है। इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए देश के Middle Class ने बैंकों के दरवाजे खटखटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की ताजा रिपोर्ट ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वे वाकई चौंकाने वाले हैं।
देश में घर खरीदने की ललक इस कदर बढ़ गई है कि होम लोन लेने वालों की संख्या अब लाखों-करोड़ों में पहुंच चुकी है। एसबीआई ने बताया है कि पिछले महीने उनका होम लोन पोर्टफोलियो रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचते हुए 9 लाख करोड़ रुपये के जादुई आंकड़े को पार कर गया है।
मिडिल क्लास ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक देश में कुल हाउसिंग लोन बढ़कर तकरीबन 39 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी के मुताबिक, यह तेजी सिर्फ होम लोन तक सीमित नहीं है। रिटेल, एग्रीकल्चर और एमएसएमई (MSME) सेगमेंट में भी लोन की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। सितंबर में ही आरएएम (RAM) सेगमेंट ने 25 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था। यह साबित करता है कि भारतीय अपने सपनों को पूरा करने के लिए बड़े आर्थिक फैसले लेने से हिचक नहीं रहे हैं।
अर्थव्यवस्था को मिली नई संजीवनी
लोन की यह रिकॉर्डतोड़ मांग देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है। जब लोग पैसा खर्च करते हैं, तो बाजार में खपत बढ़ती है। खपत बढ़ने से प्रोडक्शन में तेजी आती है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। आंकड़ों की बात करें तो MSME सेक्टर लोन में 17 से 18% की दमदार बढ़त दर्ज की गई है, जबकि एग्रीकल्चर और रिटेल लोन में करीब 14% का इजाफा हुआ है।
इतना ही नहीं, सुस्त पड़ा कॉरपोरेट लोन भी अब पटरी पर लौट आया है। दूसरी तिमाही में इसमें 7.1% की बढ़ोतरी देखी गई है। साथ ही गोल्ड लोन और अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के ग्राफ में भी अच्छी बढ़त है।
सस्ता हो सकता है कर्ज?
आर्थिक सुधारों और बढ़ती मांग को देखते हुए एसबीआई ने अपने टोटल लोन ग्रोथ का टारगेट 12% से बढ़ाकर 14% कर दिया है। एसबीआई चेयरमैन ने उम्मीद जताई है कि अगर आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो लोन और सस्ते हो जाएंगे। आरबीआई के रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की संभावित कटौती से हाउसिंग डिमांड को और बूस्ट मिलने की पूरी उम्मीद है। इससे होम लोन के साथ-साथ सभी तरह के लोन की ग्रोथ को नई रफ्तार मिलेगी।
होम लोन: फायदे और नुकसान का गणित
घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन एक बेहतरीन जरिया है, लेकिन यह एक बड़ा Personal Financial Decision है। इसके अपने फायदे और नुकसान हैं:
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फायदे: होम लोन आपकी एक कीमती संपत्ति (Asset) बनाने में मदद करता है, जिसकी कीमत समय के साथ बढ़ती है। इससे आपको अपनी जमा पूंजी और इमरजेंसी फंड को छेड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। यह पर्सनल लोन के मुकाबले काफी कम ब्याज दर पर मिलता है और बैंक द्वारा प्रॉपर्टी की कानूनी जांच होने से धोखाधड़ी का जोखिम कम हो जाता है।
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नुकसान: यह एक लंबी अवधि की वित्तीय जिम्मेदारी है। 30 साल तक चलने वाले इस लोन में आप मूल रकम से काफी ज्यादा ब्याज चुकाते हैं। सबसे बड़ा जोखिम तब आता है जब नौकरी चली जाए या सैलरी कम हो जाए; ऐसे हालात में संपत्ति जब्त होने का खतरा रहता है। फ्लोटिंग ब्याज दर चुनने पर बाजार के हिसाब से आपकी EMI बढ़ भी सकती है।
आम पाठक पर असर
इस खबर का सीधा मतलब है कि अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। बाजार में मांग तेज है, लेकिन आपको अपनी जेब और भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही कदम उठाना चाहिए। यह रिपोर्ट बताती है कि मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे बड़े निवेश करने में सक्षम हो रहे हैं।
‘जानें पूरा मामला’
भारत में पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट और हाउसिंग सेक्टर में बूम आया है। कोरोना काल के बाद लोगों में अपने घर को लेकर एक नई चेतना जगी है। इसी का नतीजा है कि बैंकों का लोन पोर्टफोलियो, खास तौर पर होम लोन, ऐतिहासिक ऊंचाइयों को छू रहा है। एसबीआई की यह रिपोर्ट देश के वित्तीय स्वास्थ्य और उपभोक्ता के भरोसे का एक बैरोमीटर है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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एसबीआई का होम लोन पोर्टफोलियो 9 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।
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देश का कुल हाउसिंग लोन FY24 के अंत तक 39 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
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आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती से लोन सस्ते होने की उम्मीद है।
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होम लोन एसेट बनाने में मदद करता है, लेकिन नौकरी जाने पर यह जोखिम भरा भी हो सकता है।






