क्या आप एक साथ दौ नौकरियां करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर हां तो आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि इससे आपके हेल्थ को नुकसान हो सकता है। हाल में ‘Moonlighting’ को लेकर काफी चर्चा हुई थी। कुछ कंपनियों ने तो यहां तक कहा था कि वे एंप्लॉयी के एक साथ दो नौकरियां करने के खिलाफ हैं। अब हैदराबाद में कुछ डॉक्टर्स ने एक साथ दौ नौकरियां करने वाले लोगों को सावधान किया है। उन्होंने कहा कि खासकर टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक साथ दो नौकरियां करने वाले लोग ओवरवर्क और स्ट्रेस महसूस कर सकते हैं। इसके चलते उन्हें ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर्स ने कहा कि कोरोना की महामारी के बाद हॉस्पिटल्स में ऐसे कई पेशेंट्स पहुंच रहे हैं, जो मूनलाइटिंग की वजह से खुद को बीमार महसूस कर रहे हैं। मूनलाइटिंग में एक व्यक्ति एक फुल टाइम जॉब के साथ एक पार्ट टाइम जॉब भी करता है। कोरोना की महामारी के दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गई थीं। इससे उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें कर्ज तक लेने को मजबूर होना पड़ा। अब कई लोग एक साथ दो नौकरियां कर अपनी आर्थिक सेहत को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।
Uchchvas Transitionalcare के चीफ ऑफ फिजिकल मेडिसिन विजय बाथिना ने कहा कि हम रिहैब्लिटेशन सेंटर में ऐसे लोगों की मदद करते हैं, जिन्हें ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक या किसी तरह के सर्जिकल प्रोसिजर का सामना करना पड़ा है। पिछले छह महीनों में हमारे पास कई हॉस्पिटर्स से पेशेंट्स आए हैं। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के बाद हमारी मदद की जरूरत है।
डॉक्टर्स का यहां तक कहना है कि आने वाले ज्यादातर पेशेंट्स आईटी प्रोफेशनल्स हैं। वे सभी एक से ज्यादा नौकरियां कर रहे थे। वे सभी एक हफ्ते में 60 घंटों से ज्यादा काम कर रहे थे। नौकरी के लिए उन्हें देर रात तक जगना पड़ता था। एक हफ्ते में 60 घंटे से ज्यादा काम करना हेल्थ के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है। उसके काम की क्वालिटी पर भी ओवरवर्क का असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी फिजिकल कैपेसिटी को समझना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर व्यक्ति को नींद में दिक्कत का भी सामना करना पड़ सकता है। जो लोग इन लक्षणों की अनदेखी करते हैं, उन्हें बाद में गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। एक दूसरे डॉक्टर ने बताया कि जब व्यक्ति का दिमाग दबाव में होता है तो वो एक खास तरह का हारमोन रिलीज करता है। इससे एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्या हो सकती है।