भारतीय प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल (PE-VC) फर्मों की ओर से निवेश साल 2024 में भी धीमा रहने की उम्मीद है। इससे पहले साल 2023 में PE-VC फर्मों के डील में 35 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म, बेन एंड कंपनी की ओर से जारी ‘इंडिया प्राइवेट इक्विटी रिपोर्ट 2024’ में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल इकोनॉमी स्थिरीकरण की ओर बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल (PE-VC) फर्मों ने करीब 62 अरब डॉलर का निवेश किया था, जो 2023 में 35 प्रतिशत घटकर 39 अरब डॉलर पर आ गया, जो कोरोना-पूर्व स्तर था।
रिपोर्ट के मुताबिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थकेयर, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे पारंपरिक सेक्टर्स में 2024 के दौरान बड़े पैमाने पर निवेश आने की संभावना है। दरअसल इन सेक्टर्स के पॉजिटिव फंडामेंटल्स, सहायक नीतियां और कई नए सब-सेगमेंट उभर कर आए हैं, जो निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।
बेन एंड कंपनी ने बताया, “भारतीय प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्म 2024 में भी निवेश को लेकर सतर्क रुख अपनाए रख सकते हैं। हालांकि मजबूत फंडामेंटल्स और सरकार की ओर से इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने वाली सहायक नीतियों के भारत निवेशकों को मजबूती से आकर्षित करता रहेगा। खासतौर से मैन्युफैक्चरिंग जैसे पारंपरिक सेक्टर्स, जिसमें ग्लोबल सप्लाई चेन में डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता दिख रहा है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि हेल्थकेयर और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग के सभी सब-सेगमेंट में 2024 के दौरान मजबूत डील्स दिखने की उम्मीद है। हेल्थकेयर सेक्टर्स में खासतौर से मल्टी-स्पेशियलिटी और सिंगल-स्पेशियलिटी मुहैया कराने वाली कंपनियों में निवेशक अधिक दिलचस्पी दिखा सकते हैं।
वहीं एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिव व्हीकल सेगमेंट में अधिक डील दिखने की उम्मीद है। बेन एंड कंपनी के एसोसिएट पार्टनर, गुस्ताफ एरिक्सन ने कहा, “भारत लंबे समय से पसंदीदा निवेश स्थल बना हुआ है। यहां की तेज इकोनॉमिक ग्रोथ, स्थिर आर्थिक हालात, वित्तीय अनुशासन और सरकार की सहायक नीतियां कुछ ऐसे पहलू हैं, जिसके चलते फार्मा, मैन्युफैक्चरिंग और रिन्यएबल एनर्जी सेगमेंट में इस साल अधिक निवेश देखने को मिल सकता है।”